दिल्ली मेट्रो में आपका एकबार फिर से स्वागत है…ज़बरदस्त भीड़, नींद से भरी आखें, और ढेर सारे सपने लिए हुए सैकड़ों युवा मिलेनियम सिटी सेंटर गुरुग्राम की ओर बढ़ रहे हैं. एक लंबे सन्नाटे के बाद आवाज़ आती है, बैंक दस बजे खुलेंगे, तुम सीधे मैनेजर के कमरे में घुस जाना, आज किसी की मत सुनना. अपना काम कराकर ही लौटना, इन लोगों का रोज़ का नाटक है, कभी सर्वर नहीं आता, कभी साहब छुट्टी में रहते हैं.
सज्जन का फ़ोन कटते ही आसपास खड़े लोगों की ज़ुबान पर सरकारी बैंक सेवाओं को लेकर अपने-अपने अनुभव आने लगते हैं. एक सज्जन बताते हैं कि कैसे उन्हें अपने काम के लिए एक महीने बैंक के चक्कर लगाने पड़े, अंततः हारकर उन्होंने बैंक का खाता ही बंद कर दिया, और अब एक प्राइवेट बैंक की सेवाएं ले रहे हैं.
दूसरे सज्जन बताते हैं कि वो एक बार कैश जमा करने के लिये लाइन में खड़े थे, 1.5 घंटे बाद जब उनका नंबर आया तो कहा गया टाइम ख़त्म आप कल आना. उन्हें पैसे जमा करने ज़रूरी थे, तमाम मिन्नतें करने के बाद जब बैंक कर्मचारी नहीं माने तो उन्होंने हंगामा कर दिया था. मामला बढ़ता देख मैनेजर ने दख़ल दिया तब काम हुआ.
इस चर्चा के बीच एक सज्जन एक ख़बर का हवाला देते हुए कहते हैं, G20 के आयोजन में करोड़ों का घोटाला हुआ है. ऐसा इन्होंने क्या कर दिया कि 4100 करोड़ से अधिक खर्च कर डाले, पक्का घपला हुआ है. शख़्स को टोकते हुए दूसरा शख़्स कहता है, भाई जब हमारे घर में मेहमान आते हैं तो हम नाश्ते में मिठाई, बढ़िया नमकीन-बिस्कुट और खाने में पनीर इत्यादि परोसते हैं. ठीक इसी तरह विदेशी मेहमानों के लिए भी इंतज़ाम किए गए. देखा नहीं तुमने कैसे पूरी दिल्ली को दुल्हन को सजा दिया गया, और तरह-तरह के व्यंजन परोसे गए. महंगाई में इतना खर्च संभव है.
PHOTOS | PM Modi and other world leaders at the gala dinner, which was hosted by President Droupadi Murmu during G20 Summit at Delhi’s Bharat Mandapam on Saturday. (n/3) pic.twitter.com/k5Scn4s7c0
— Press Trust of India (@PTI_News) September 11, 2023
दोनों की बात सुनकर पास खड़े एक सज्जन भड़क जाते हैं, और कहते हैं, ‘सब भ्रष्ट हैं. करोड़ों रुपए खर्च कर सिर्फ़ फोटो खिचवाई गई, मेहमानों को 56 भोग परोसे गए, यहां गरीब की थाली में रोटी नहीं है. महंगाई, रोज़गार पर किसी का ध्यान नहीं, बाक़ी सरकारों की तरह ये सरकार भी निकम्मी है. बिहार-झारखंड में रील प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है, लाखों का इनाम बांटा जा रहा है. ना जाने आगे क्या-क्या होगा?
सज्जन के ग़ुस्से ने कुछ सरकार प्रेमियों को जगा दिया, और वो मौजूदा सरकार की उपलब्धियां गिनाने लगे. ग़रीबों को मुफ़्त अनाज, विदेश में भारत का बढ़ाता मान, और देशभर में तेज़ी से बनते हाईवे, जैसे तमाम शब्द उनके मुंह से टपकने लगे देखते ही देखते माहौल गर्म हो गया, लोग दो धड़ों में बट गए. एक वर्ग सरकार की तारीफ में कसीदे पढ़ रहा था, तो दूसरा रोजगार और महंगाई का सवाल कर लाल-पाली हो रहा था.
Last five G20 Summits’ costs:
– India, 2023: ₹4100 Cr
– Indonesia, 2022: ₹364 Cr
– Japan, 2019: ₹2660 Cr
– Argentina, 2018: ₹931 Cr
– Germany, 2017: ₹642 CrIndia’s G20 spend equals 7 Chandrayan missions, while Indonesia hosted it at half of the mission’s cost. Priorities.…
— Congress Kerala (@INCKerala) September 10, 2023
इस सबके बीच एक अंकल जी खड़े होते हैं, और कहते हैं राजनीति के चक्कर में क्यों बहस कर रहे हो. पढ़े-लिखे हो, यह बात समझनी चाहिए कि राजनीति अच्छी नहीं होती. ये, या तो बुरी होती है, या फिर बहुत बुरी. इसके चक्कर में हमें आपसी भाईचारा खराब नहीं करना चाहिए. अंकल जी को आगे सुन पाता इससे पहले आवाज आती है, अगला स्टेशन गुरु द्रोणाचार्य है और दरवाज़े बाईं तरफ़ खुलेंगे. आज के लिए इतना ही. फिर लौटेंगे नई चकल्लस के साथ.