स्थाई गैर कृषक हिमाचली मैत्री सभा द्वारा आज सोलन में बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में संस्था के उन सदस्यों ने भाग लिया जो 1972 से पहले हिमाचल प्रदेश में रह रहे है। लेकिन वह हिमाचल में पुश्त दर पुश्त रह कर भी हिमाचल में ज़मीन खरीदने के अधिकार से वंचित है। इसको लेकर आज बैठक में चर्चा की गई और सरकार को अपना पक्ष कैसे रखना है इसको लेकर रणनीति बनाई गई। उन्होंने कहा कि जब उनका और उनके बच्चों का जन्म हिमाचल में हुआ है और वह हिमाचल के स्थाई निवासी है तो प्रदेश सरकार उन्हें ज़मीन खरीदने का अधिकार क्यों नहीं देती है। उन्होंने कहा कि यह एक प्रदेश में रहने वाले लोगों से भेदभाव है।
स्थाई गैर कृषक हिमाचली मैत्री सभा के पदाधिकारियों शमशेर सिंह सैनी ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि वह बच्चपन से ही हिमाचल से जुड़े है। 1972 से पहले उनका परिवार शिक्षा और व्यवसाय हिमाचल में करता आ रहा है। इतने वर्ष बिताने के बाद भी उन्हें प्रदेश में दोयम दर्जे का समझा जाता है। उन्हें हिमाचल प्रदेश का स्थानीय निवासी नहीं समझा जाता है। उन्हें ज़मीन खरीदने के अधिकार से वंचित रखा गया है जो उनके साथ बेहद अन्याय है। उन्होंने कहा कि जब धारा 118 वर्ष 1972 में लागू हुई तो जो व्यक्ति रिकॉर्ड के हिसाब से उस से पहले प्रदेश में रह रहे है उन्हें सभी अधिकार मिलने चाहिए।