एनजीटी के आदेशों पर गठित 5 विभागों की कमेटी ने निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग 707 का दौरा किया

 

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों पर गठित 5 विभागों की कमेटी ने निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग 707 का दौरा किया। इस दौरान कंपनी के काम में भारी अनियमितताएं पाई गई कंपनी के कर्मचारी अनियमिताओं के संबंध में प्रशासनिक टीमों को सही जवाब नहीं दे पाए जिस पर कंपनी के अधिकारियों को कड़ी फटकार भी लगी।

राष्ट्रीय राजमार्ग 707 के निर्माण में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। समय-समय पर सामाजिक संस्थाओं और स्थानीय लोगों ने निर्माण में धांधलियों के संबंध में शिकायतें भी की है। इस बीच एनएच की खुदाई में निकली मिट्टी के अवैज्ञानिक डंपिंग को लेकर एनजीटी में भी पीआईएल दर्ज हुई है। शुक्रवार को एडीसी शिमला की अगवाई में एनजीटी द्वारा गठित टीम ने शिकायत में दर्शाए गए अवैध डंपिंग स्थलों का दौरा किया।

इस दौरान एनजीटी द्वारा गठित टीम के समक्ष स्थानीय लोगों का जमकर गुस्सा फूटा। सबसे अधिक हंगामा गुम्मा बाजार में हुआ। यहां स्थानीय लोगों ने इस क्षेत्र में काम कर रही धतरवाल कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लोगों का आरोप था कि इस कंपनी ने सड़क निर्माण में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया है। अवैज्ञानिक ढंग से डंपिंग की गई है। जिसकी वजह से स्थानीय लोगों की बहुत सी जमीन, घर, लिंक रोड, पुराने रास्ते, सिंचाई की नहरें और पेजल स्कीमें नष्ट हुई हैं। स्कूल को जाने वाला रास्ता पूरी तरह से टूट गया है। सड़क के साथ लगते कुछ मकान टूट गए हैं और कई मकानों में दरारें आ गई है।

ऐसे में लोगों ने धतरवाल चोर है के नारे लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। यहां लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्रोजेक्ट डायरेक्टर का भी घेराव किया। प्रोजेक्ट डायरेक्टर को जमकर खरी खोटी सुनाई और भ्रष्टाचार के आरोपों में जवाब मांगा। गुस्साए लोगों ने जांच कमेटी के अध्यक्ष एडीसी शिमला अजीत भारद्वाज की गाड़ी को भी रोक कर रखा। स्थानीय लोगों ने कुछ मामलों में लिखित आश्वासन के बाद एडीसी, मोर्थ प्रोजेक्ट डायरेक्टर और धतरवाल कंस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक की गाड़ियों को जाने दिया।

बाईट स्थानय वयक्ति

एनजीटी को दी शिकायत में चिन्हित स्थान की जांच के दौरान पाई गई अनियमिताओं को लेकर जांच कमेटी भी गुस्से में नजर आई। एडीसीअजीत भारद्वाज ने तो यहां तक कह दिया कि इस तरह का कार्य अन्याय पूर्ण एवं जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है पर्यावरण को बड़े पैमाने पर क्षति पहुंचाई गई है। उन्होंने कहा कि कमेटी इसकी रिपोर्ट तैयार कर जल्द एनजीटी को भेजेगी।

गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता नाथूराम चौहान ने काम में अनियमिताओं पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने और अवैज्ञानिक ढंग से डंपिंग के के आरोप लगाते हुए एनजीटी में पल डाली है। नाथूराम चौहान की शिकायत पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने शिमला और सिरमौर डीसी के अध्यक्षता में कमेटी गठित कर जांच रिपोर्ट सपने को कहा है