बूथ मेरा मंदिर और मतदाता मेरे देवगण इनको छोड़ कर कहीं  भ्रमण के लिए नहीं गया : धनीराम शांडिल 


सोलन से कांग्रेस प्रत्याशी कर्नल धनीराम शांडिल ने कहा कि  चुनावों के बाद सभी प्रत्याशियों के दिलों की धड़कन बढ़ जाती है और नेता उस स्थिति में पहुंच जाते यही जिस स्थिति में विद्यार्थी परीक्षा देने के बाद महसूस करते है।  वह भी अपने नतीजे के लिए चिंतित है। लेकिन उन्होंने चुनावी परीक्षा के लिए बेहद मेहनत की थी। लोगों के दुःख सुख से साथ रहे उनकी हर मांग को पूरा किया। इस लिए उन्हें यकीन है कि वह अवश्य जीत हासिल करेंगे।  उन्होंने कहा कि वह यह तो नहीं कह सकते कि जीत का अंतर् कितना होगा लेकिन वह सम्मान जनक जीत हासिल करेंगे।  उन्होंने कहा कि भाजपा से आज के समय में सभी मतदाता बेहद निराश चल रहे है। कर्मचारी हो या सेवानिवृति कर्मचारी , महंगाई से महिलाऐं और आम आदमी बेरोज़गार युवा सभी हताश है और इस लिए वह बदलाव चाहते है लेकिन भाजपा का कहना कि वह सरकार बना रहे है  वह तर्क संगत नहीं है।  

कांग्रेस प्रत्याशी धनीराम शांडिल ने कहा कि वह चुनावों के बाद अन्य नेताओं की तरह  वह तीर्थ स्थलों कहीं घूमने नहीं गए , क्योंकि उनके 128 बूथ ही उनके लिए मंदिर है और मतदाता उनके लिए देवगन से कम नहीं है। इस लिए वह चुनावों के अगले ही दिन से अपनी विधानसभा क्षेत्र के भ्र्मन पर निकल गए थे।  वह सभी बूथों पर गए वहां के मतदाताओं से मिले और उनकी नब्ज़ को टटोलने का प्रयास किया। उनसे मिल कर पता चला कि वह कांग्रेस को सत्ता में चाहते है और उन्होंने कांग्रेस के हक में वोट किया है। भाजपा ने अपने स्तर पर काम किया था लेकिन वह प्रदेश वासियों का दिल नहीं जीत पाए इसलिए उनकी हार पक्की है।