शहरीकरण के इस दौर में ताजी हरी सब्जियां, और फ्रेश फल मिलना नामुमकिन सा हो गया है. इसके हल के रूप में लोगों ने अब अपने घरों की छत और बालकनी में गार्डनिंग करनी शुरू कर दी है. टेरेस गार्डनिंग के जरिए घर की छत पर लौकी, करेला, भिंडी, खीरा आदि कई तरह की सब्जियां आसानी से उगाई जा सकती हैं. आप भी टैरेस पर गॉर्डन बनाने की योजना बना रहे हैं तो कुछ बातों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है:
1. सही जगह का चुनाव
टैरेस गार्डन सेट करने के 2 तरीके हैं, या तो आप इसे लॉन में बदलने के लिए पूरी सतह को मिट्टी से ढक सकते हैं, या आप गमलों में पौधे उगा सकते हैं. चूंकि छत में सामान्य गार्डन की तुलना में कुछ जगह की कमी होती है, इसलिए इसके अनुसार जगह के उपयोग की योजना बनाना आवश्यक है.
उन स्थानों को देखें जो छायादार हैं, और उन क्षेत्रों को भी देखें जहां दिन के अधिकतम समय के लिए सूर्य का प्रकाश प्राप्त होता है. यदि आप छत पर किसी बैठने की जगह की योजना बना रहे हैं तो उसका स्थान निर्धारित करें. गर्मी के दिनों में पौधों को सीधी धूप से बचाने की जरूरत होती है, इसके लिए आप छाया बना सकते हैं. इसके लिए जगह का चयन करें.
2. पौधों का सही चयन
यदि आप सब्जियां उगाना चाहते हैं तो उन सब्जियों से शुरू करें जो तेजी से बढ़ती हैं, और ज्यादा मेहनत की आवश्यकता नहीं होती है. जैसे धनिया, मेथी, मिर्च, शिमला मिर्च, आदि.आम तौर पर, रेशेदार जड़ वाले पौधे. यदि आपके छत पर खंभे हैं, तो आप उनका उपयोग करके लौकी, खीरे आदि उगा सकते हैं. चमेली, पेरिविंकल, लैवेंडर, रोज़मेरी, प्रिमरोज़ आदि जैसे टैरेस गार्डनिंग प्लांट्स से शुरुआत अच्छी मानी जाती है.
3. वाटर प्रूफिंग
टेरेस गार्डनिंग के लिए वॉटरप्रूफिंग ज़रूरी होता है, जिससे कि घर की बिल्डिंग को लीकेज, और नमी से बचाया जा सकता है. गार्डन की छत को लीकेज और जल जमाव की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप गमलों या कंटेनर को ऊंचे ठोस स्थान पर रखें. इसके लिए आप ड्रेनेज मेट का उपयोग कर सकते हैं. इसके अलावा प्रोटेक्शन वॉटरप्रूफिंग के लिए घर की छत पर क्ले-टाइल्स को फ्लोर पर लगा सकते हैं.
4. मिट्टी तैयार करें
टैरेस गार्डन के लिए सामान्य गार्डन की मिट्टी का इस्तेमाल करने से बेहतर है कि आप अच्छी तरह से तैयार की गई पॉटिंग मिट्टी में पौधे को उगाएं. पॉटिंग सोइल नार्मल मिट्टी की तुलना में बहुत हल्की होती है. आप मिट्टी के वजन को कम करने के लिए मिट्टी के साथ हल्की सामग्री जैसे- गोबर खाद, वर्मीकम्पोस्ट, कोकोपीट, रेत मिलाकर एक अच्छा पॉटिंग मिश्रण तैयार कर सकते हैं.
5. कंटेनर, या गमले लगाएं
आप अपने बगीचे के लिए विभिन्न प्रकार के बर्तनों का उपयोग कर सकते हैं. बगीचे को सजाने के लिए विभिन्न आकार, आकार और रंगों में आने वाले मिट्टी के बर्तन, सीमेंट के बर्तन, ग्रो बैग या हैंगिंग पॉट का उपयोग करें. या आप पौधों को उगाने के लिए पुराने पेंट बॉक्स, लकड़ी के टोकरे, टूटी बाल्टियाँ, रसोई के बर्तन, नारियल के खोल आदि का उपयोग कर सकते हैं.
6. बीज
आप जिस भी पौधे को लगाना चाहते हैं, एक बार उसकी गुणवत्ता की जांच जरुर कर लें, साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि जिस पौधें का आप बीज ले रहें है वो मौसम के कितना अनुकुल है.
7. जलनिकासी और जलभंडारण की व्यवस्था
टेरेस गार्डन बनाने के लिए सबसे आवश्यक तत्व पानी होता है जो पौधो की सिंचाई के लिए काम आता है, इसलिए अपने टेरेस पर जल को स्टोर करके रखने की उत्तम व्यवस्था होनी चाहिए, और पौधे लगे गमलों या कंटेनरों से भी अतिरिक्त पानी के निकास के लिए सही ड्रेनेज़ सिस्टम का भी होना ज़रूरी है, जिससे पानी इकठ्ठा ना हो सके और आसानी से बाहर निकल जाए.
8. सिंचाई की व्यवस्था
छत पर बनाए गए गार्डन में स्वचालित ड्रिप सिंचाई प्रणाली को स्थापित करना बेहद फायदेमंद होता है. आप ड्रिप सिंचाई प्रणाली के अलावा मैनुअल सिंचाई का विकल्प भी अपना सकते हैं. याद रहे सुबह का समय पौधों को पानी देने का बेस्ट टाइम होता है क्योंकि सुबह के समय पानी देने से पौधों को हाइड्रेटेड रखने और प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया का समर्थन करने में मदद मिलती है.
9. धूप और छांव
आप टेरेस पर आने वाली धूप की मात्रा, और समय के आधार पर उन क्षेत्रों का विश्लेषण करें, जहां अधिकतम मात्रा में सूर्य का प्रकाश मिलता है. जिन पौधों को पर्याप्त धूप की आवश्यकता होती है उन्हें अधिक धूप वाले स्थान पर और गार्डन के छायादार स्थान पर आप कम धूप में पनपने वाले पौधों को रख सकते हैं. कभी-कभी पर्याप्त धूप में उगने वाले पौधे भी अत्यधिक गर्मी सहन नहीं कर पाते हैं, जिसके कारण साल के सबसे गर्म महीनों में गार्डन में लगे पौधों की अधिकतम देखभाल की आवश्यकता होती है.
10. देखभाल और निगरानी
टेरेस गार्डन (Terrace Garden) के देखभाल और रखरखाव के लिए निम्नलिखित कार्यों को शामिल किया जाता है:
1. जल निकासी निरीक्षण: पानी का नियमित निकासी सुनिश्चित करना जरूरी होता है ताकि विषैले पदार्थों या एक अधिक उष्णता के कारण रोगों का प्रसार न हो.
2. कूड़े को हटाना या निराई करना: टेरेस गार्डन में उत्पादित कूड़े को हटाना या निराई करना जरूरी होता है ताकि इससे बीमारियों का प्रसार न हो.
3. पौधों के स्वास्थ्य का निरीक्षण करना: पौधों के स्वास्थ्य की निगरानी करना बहुत महत्वपूर्ण है। आपको पौधों के रोगों और कीटों का संबंधित सामग्री से बचाना चाहिए.
4. पौधों को विकास को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिस्थापन और रोपण: आपको प्रतिदिन पौधों की विकास देखना चाहिए और जब आवश्यक हो तब नए पौधे लगाने के लिए स्थान की व्यवस्था करनी चाहिए।
5. नियमित सिंचाई: नियमित सिंचाई आवश्यक होती है ताकि पौधे विकसित हो सकें और रोग, और कीटों से बचाये जा सकें.
6. पौधों की छंटाई: पौधों को नियमित ढंग से कटाई करना चाहिए ताकि उन्हें बढ़ने के लिए जगह मिल सके और रोगों का प्रसार रोका जा सके.
7. खाद डालना: पौधों के विकास के लिए उन्हें उचित मात्रा में खाद देना आवश्यक होता है। प्राकृतिक खाद या कंपोस्ट आपके टेरेस गार्डन के लिए उपयुक्त होते हैं.
11. टेरेस गार्डन के लाभ
1. टैरेस गार्डन बनाने से आपके घर को ठंडा रखने में मदद मिलती है, यह उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए बहुत अच्छा है.
2. घर के वातावरण को साफ़ और स्वच्छ रखने में तथा प्रकृति से जुड़े रहने में मदद मिलती है.
3. आपको दैनिक रूप से ताजी और ऑर्गनिक सब्जियां और फल खाने को मिल सकते हैं.
4. टेरेस गार्डन शारीरिक रूप से सक्रीय रहने में मदद करता है.
5. हवा में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाता है.