हिमाचल प्रदेश में सरकार द्वारा टैक्सियों में कूड़ादान अनिवार्य करने के फैसले को लेकर टैक्सी चालकों में भारी रोष है। टैक्सी यूनियन के सदस्यों ने कहा है कि यह निर्णय बिना किसी सलाह-मशवरे और ज़मीनी हकीकत को समझे बिना लिया गया है। चालकों ने चिंता जताई कि यदि टैक्सी में कूड़ादान नहीं रखा गया, तो उन पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा, जो सरासर अन्याय है।
चालकों का कहना है कि उन्हें दो प्रकार के कूड़ेदानों—सूखे और गीले कचरे के लिए अलग-अलग डिब्बे—लगाने को कहा गया है, लेकिन एक सीमित स्थान वाली टैक्सी में यह कैसे संभव होगा? उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर सरकार बताए कि इन डिब्बों को कहां और कैसे लगाया जाए?
टैक्सी चालकों ने आशंका जताई कि यदि कूड़ेदान लगाए भी जाएं, तो उनसे निकलने वाली दुर्गंध से यात्री असहज होंगे और ड्राइवरों की सेहत पर भी असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वह स्वच्छता के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इस फैसले को लागू करने से पहले सरकार को उनके साथ बातचीत करनी चाहिए थी। टैक्सी यूनियन ने सरकार से अपील की है कि इस निर्णय पर पुनर्विचार किया जाए और टैक्सी चालकों की व्यावहारिक समस्याओं को ध्यान में रखकर ही कोई कदम उठाया जाए। टैक्सी चालक फिलहाल इस फरमान से परेशान और चिंतित हैं।