सोलन। आवारा कुत्तों के प्रबंधन और नसबंदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी दिशा-निर्देशों पर पशुपालन विभाग ने विस्तृत जानकारी साझा की है। विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. विवेक लांबा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिए हैं कि डॉग शेल्टर उन्हीं कुत्तों के लिए होगा जिन्हें स्कूल, अस्पताल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन जैसे संवेदनशील सार्वजनिक स्थानों से हटाया जाएगा। ऐसे कुत्तों को रेस्क्यू कर शेल्टर में रखा जाएगा, जबकि बाजार क्षेत्रों में रहने वाले कुत्तों को नसबंदी के बाद वापस उनके मूल स्थान पर छोड़ा जाएगा। डिप्टी डायरेक्टर डॉ. विवेक लांबा ने बताया कि नसबंदी अभियान के बारे में उन्होंने कहा कि बद्दी और अन्य पशु चिकित्सालयों में आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं। धर्मपुर में भी नसबंदी का कार्य जारी है, जहाँ एक बार में 10–12 कुत्तों की नसबंदी की जा रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि व्यावहारिक रूप से एक साथ 100 कुत्तों को पकड़ना संभव नहीं है। वर्तमान में नगर निगम के एबीसी सेंटर में पोस्ट-ऑपरेटिव केयर की क्षमता मात्र 17 कुत्तों की है।जिम्मेदारियों के बंटवारे पर डॉ. लांबा ने बताया कि कुत्तों को पकड़ने की जिम्मेदारी शहरी स्थानीय निकायों की है, जबकि शेल्टर की देखरेख पशुपालन विभाग करता है। विभाग को कुत्तों के डाइट चार्ट, पानी की व्यवस्था और देखभाल से जुड़ी सभी गाइडलाइंस प्राप्त हो चुकी हैं, जिनके आधार पर शेल्टर संचालन सुनिश्चित किया जाएगा