हिमाचल प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार पर नकेल कसने जा रही है. इस बारे में जल्द ही नया कानून लाया जाएगा. ये जानकारी सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में वार्षिक योजना 2024-25 के लिए विधायक प्राथमिकताओं पर आयोजित बैठक में दी. यहां सीएम ने दूसरे चरण में सोलन, चंबा, बिलासपुर व लाहौल-स्पीति जिले के विधायकों की बैठक की अध्यक्षता की.
सीएम ने कहा कि कांग्रेस सरकार लोगों को स्वच्छ, पारदर्शी एवं उत्तरदायी प्रशासन प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है. इसके लिए सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है. इसके लिए सरकारी तंत्र में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए एक कानून लाने पर विचार किया जा रहा है. वहीं, सरकार जनता की शिकायतों को प्रभावी ढंग से सुलझाने व कुशल प्रशासन प्रदान करने के लिए कार्य कर रही है. सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में नशा तस्करों व खनन माफियाओं पर लगाम लगाने लगाने का काम कर रही है. इसके अलावा बेसहारा पशुओं को आश्रय प्रदान करने की प्राथमिकता के आधार पर भी काम किया जा सकता है.
बजट से पहले विचार विमर्श: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विधायकों की प्राथमिकताओं पर बजट से पहले विचार-विमर्श किया जाता है, ताकि विकासात्मक कार्यों के प्रति उनके दृष्टिकोण व सुझावों का बजट में समावेश किया जा सके. उन्होंने कहा कि इस बार विधायक प्राथमिकता के स्वरूप को भी बदला गया है. हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सभी विधायक अपने सुझाव सरकार को दे सकते हैं. सीएम ने कहा कि सरकार ने एक साल में विकास कार्यों में गति लाई है. 31 मार्च 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है. डीजल-पेट्रोल की गाड़ियों पर निर्भरता कम करने के लिए प्रदेश में ई-वाहनों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसके लिए जरूरी आधारभूत ढांचे को भी तैयार किया जा रहा है.
जिला सोलन के विधायकों की मांग: नालागढ़ के विधायक केएल ठाकुर ने सीमावर्ती क्षेत्र में नशा माफिया और खनन माफिया पर नकेल कसने की बात रखी. विधायक ने आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त हुए दभोटा पुल का दोबारा निर्माण जल्द करने की अपील की. कसौली के विधायक विनोद सुल्तानपुरी ने परवाणु व कामली औद्योगिक क्षेत्र को नेशनल हाईवे से जोड़ने, टकसाल रेलवे फाटक पर फ्लाई ओवर बनाने और कौशल्या बांध की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट जल्द तैयार करने की मांग की.
जिला चंबा के विधायकों की प्राथमिकताएं: चुराह के विधायक डॉ. हंसराज ने राजधानी शिमला में आबादी का दबाव कम करने के लिए कुछ विभागों के कार्यालय प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में ट्रांसफर करने की मांग की. उन्होंने चुराह क्षेत्र की विद्युत परियोजनाओं के कारण विस्थापित घराट मालिकों का पुनर्वास करने और उनके परिवार के सदस्यों को स्थाई नौकरी प्रदान करने की मांग की. भरमौर के विधायक डॉ. जनक राज ने क्षेत्र में एंबुलेंस की संख्या बढ़ाने और शिक्षा विभाग में रिक्त पदों को भरने की मांग की. उन्होंने कहा कि मणिमहेश यात्रा का आयोजन जन्माष्टमी से राधा अष्टमी तक होता है, जिसे आगे पांच दिन और बढ़ाया जाना चाहिए. चंबा के विधायक नीरज नैय्यर ने चंबा-चुवाड़ी सुरंग बनाने का मांग की. उन्होंने चंबा शहर में पार्किंग की समस्या का समाधान करने का भी आग्रह किया. डलहौजी के विधायक डीएस ठाकुर ने अपने चुनाव क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर बनाने के लिए डॉक्टरों एवं पैरा मेडिकल स्टाफ के रिक्त पद भरने की मांग की.
जिला बिलासपुर के विधायकों ने रखी ये मांग: झंडूता के विधायक जीत राम कटवाल ने अपने चुनाव क्षेत्र में लंबित तीन पुलों की विस्तृत परियोजना की रिपोर्ट बनाने में तेजी लाने का आग्रह किया. उन्होंने निर्माणाधीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तलाई और सिविल अस्पताल बरठीं के लिए पर्याप्त धनराशि और क्षेत्र में लो-वोल्टेज की समस्या का समाधान करने की मांग की. बिलासपुर सदर के विधायक त्रिलोक जम्वाल ने बिलासपुर में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने और लो-वोल्टेज की समस्या को दूर करने की मांग की. श्री नैना देवी के विधायक रणधीर शर्मा ने एफसीए और एफआरए के मामलों में तेजी लाने की मांग की, ताकि विकास कार्य प्रभावित न हों. उन्होंने जल शक्ति विभाग में फील्ड स्टाफ के पद भरने और स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए स्वारघाट-बिलासपुर के पुराने बस रूट पर सेवा शुरू करने की मांग की.
जिला लाहौल-स्पीति के विधायकों की मांग: लाहौल-स्पीति के विधायक रवि ठाकुर ने जिला स्तर पर ग्रामीण विकास विभाग और पंचायती राज विभाग के समावेश की मांग की है. उन्होंने हिमाचल प्रदेश में औषधीय पौधों की खेती और विपणन करने का सुझाव भी दिया. रवि ठाकुर ने कहा कि जिला लाहौल-स्पिति में शांति स्तूपों की मरम्मत करने की मांग की, ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिल सके.