Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर के मोहम्मद अंगेज फोर्थ ग्रेड के कर्मचारी थे। बेटे को पढ़ाया और बेटे ने देश की सबसे कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक चार्टर्ड अकाउंटेंट की परीक्षा पास कर पिता का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया। मोहम्मद वकार आजम ने अपनी सफलता से यह साबित कर दिखाया कि सीमित संसाधनों में भी सफलता अर्जित की जा सकती है।
वकार आजम ने जीवन में बहुत संघर्ष देखा
बेहद गरीब परिवार से आने वाले वकार आजम ने अपने जीवन में बहुत संघर्ष देखा। लेकिन कहते हैं न, अगर जीवन में कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो व्यक्ति हर असंभव को संभव बना सकता है। मुजफ्फरपुर जिले के सदपुरा मोहल्ले के रहने वाले वकार आजम का परिवार की आर्थिक स्थिति शुरू से ही बेहद खराब थी। बचपन में इनके पिता के पास नौकरी तक नहीं थी। हालांकि बाद में उन्हें बिहार विश्वविद्यालय में फोर्थ ग्रेड कर्मचारी की नौकरी मिली। वहीं मां घरेलू महिला थीं।
मुजफ्फरपुर से ही प्रारंभिक पढ़ाई
वकार आजम की प्रारंभिक पढ़ाई मुजफ्फरपुर में ही हुई। तंगहाली में बचपन गुजरने के बाद भी वकार आजम का मन पढ़ाई से नहीं भटका। वकार आजम ने 10वीं में 67 प्रतिशत अंक प्राप्त करके अपने स्कूल में टॉप किया था। उन्होंने 12वीं किया जहां 75 प्रतिशत अंक आए थे। मुजफ्फरपुर में वो एक झुग्गी बस्ती में रहते थे। कठिन परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने या उनके परिवार ने कभी पढ़ाई बंद करने के बारे में नहीं सोचा।
ट्यूशन पढ़ा भरा कॉलेज फी
वकार आजम ने इंटरव्यू के दौरान बताया कि उनके पास कॉलेज की फी भरने के भी पैसे नहीं थे, इसलिए उन्होंने बच्चों को ट्यूशन देना शुरू किया। ट्यूशन से मिलने वाले पैसो के द्वारा उन्होंने अपने कॉलेज की फी भरी। वकार आजम कभी अपने जीवन में आई कठिनाइयों से घबराए नहीं बल्कि हर मुश्किल का हल निकाल कर आगे बढ़ते रहे। वकार आजम में हमेशा से आगे बढ़ने की चाह रही, यही कारण था कि वे जीवन के संघर्षों को दरकिनार कर आगे बढ़ते रहे।
वकार का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन में सही मार्गदर्शन की कमी को महसूस किया है। 12वीं कक्षा तक उन्हें सीए के बारे में कुछ भी नहीं पता था। कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण उन्हें इन सब मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। इसलिए वह कमजोर आर्थिक हालत वाले बच्चों का मार्गदर्शन करते हैं, ताकि जिस परिस्थिति का सामना उन्हें करना पड़ा वह किसी और युवा को ना करना पड़े।