अध्यापकों के साथ विद्यार्थी भी विदेश में एक्सपोजर विजिट पर जाएंगे

Students along with teachers will also go on exposure visit abroad

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज जिला सोलन के एक दिवसीय दौरे के दौरान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कोठी देवरा घट्टी स्कूल के मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया।
इस अवसर पर एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कोठी देवरा घट्टी स्कूल में कॉमर्स की कक्षाएं शुरू करने की घोषणा की और कहा कि कबड्डी खिलाड़ियों को किट प्रदान की जाएंगी। उन्होंने कहा कि जिन शिक्षण संस्थानों के भवनों का निर्माण कार्य 60 प्रतिशत पूरा हो चुका है, उन्हें पूर्ण करने के लिए राज्य सरकार आवश्यक धनराशि उपलब्ध करवाएगी ताकि दो वर्षों के भीतर ही ये बनकर तैयार हो जाए।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं के लिए सरकार ने डाइट मनी को 240 से बढ़ाकर 400 रुपए, जिला स्तर के लिए 300 रुपये और खंड स्तर के लिए 240 रुपए किया है। राज्य से बाहर खेल प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को दी जाने वाली डाइट मनी को 500 रुपए किया गया है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने प्रदेश से बाहर आयोजित होने वाले खेल आयोजनों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को मिलने वाली यात्रा सुविधाओं में भी बढ़ौतरी की है। उन्होंने कहा कि 14 वर्ष की आयु वर्ग में भी जिला और राज्य स्तर पर टूर्नामेंट का आयोजन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों में गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार पिछले 20 महीने से कार्य कर रही है, ताकि युवा पीढ़ी का भविष्य बेहतर बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश गुणात्मक शिक्षा रैंकिंग में खिसककर 18वें स्थान पर पहुंच गया है, इसलिए वर्तमान सरकार शिक्षा में व्यापक व्यवस्था परिवर्तन कर रही है। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों में आत्मविश्वास की कमी दूर करने के लिए राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने जा रही है, जिनमें स्मार्ट क्लास रूम, ऑडियो-वीडियो विजुअल टीचिंग और खेल जैसी सुविधाएं होंगी। इसके साथ ही स्कूलों को स्मार्ट यूनिफॉर्म अपनी मर्जी से चुनने का विकल्प दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 99 प्राथमिक स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या शून्य थी, जिन्हें राज्य सरकार ने बंद कर दिया है, जबकि पांच से कम विद्यार्थियों की संख्या वाले स्कूलों को मर्ज किया जा रहा है तथा शैक्षणिक संस्थानों में आवश्यकता के आधार पर भविष्योन्मुखी पाठ्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं, ताकि विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध करवाई जा सके। उन्होंने कहा कि कड़े फैसलों से थोड़ी नाराजगी जरूर हो सकती है, लेकिन आने वाले समय में सुखद परिणाम सामने आएंगे।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा, ‘‘मैं स्वयं सरकारी स्कूल में पढ़ा हूं। स्कूल में हम मैट पर बैठते थे और कभी-कभी अध्यापकों से डांट भी पड़ती थी। मैं कहना चाहता हूं कि घर के बाद बच्चे के विकास में स्कूल का महत्वपूर्ण योगदान है, लेकिन हमें सोचना होगा कि सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या कम क्यों हो रही है। मेरा गुणात्मक शिक्षा और बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान है और इसी दिशा में प्रदेश सरकार द्वारा कदम उठाए जा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि गुणात्मक शिक्षा पर राज्य सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है तथा पहली बार 200 अध्यापकों को सिंगापुर में एक्सपोजर विजिट पर भेजा गया है। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष से राज्य सरकार अध्यापकों के साथ विद्यार्थियों को भी एक्सपोजर विजिट पर विदेश भेजेगी।