Naukri.com Owner Sanjeev Bikhchandani की कहानी: नौकरी छोड़ पुराने कंप्युटर के साथ शुरू किया बिजनेस, और खड़ी कर दी 50 हजार करोड़ की कंपनी

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हमारे देश में ये हमेशा से चला आ रहा है कि पुरुष कमाता है, और पत्नी घर संभालती है. समय बदला तो महिलाओं ने भी दहलीज लांघ हर क्षेत्र में अपना नाम कमाते हुए कमाई के अनेक रास्ते खोज लिए. लेकिन इसके बावजूद भी समाज को ये कभी मजूर नहीं हुआ कि एक पत्नी कमाए और पति कुछ ना करे. ऐसे पुरुषों को यही ताना सुनने को मिलता है कि वो अपनी पत्नी की सैलरी पर खर्च चला रहा है. बहुत से पुरुषों के लिए ऐसा ताना सुन पाना बर्दाश्त से बाहर होगा.

Naukri.com Owner Sanjeev Bikhchandani की कहानी

Naukri And Jeevansathi Founder Sanjeev Bikhchandani Success Story Moneycontrol

संजीव बिकचंदानी (Sanjeev Bikhchandani) ने भी एक दौर में अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से ऐसे ताने सुने लेकिन संजीव वो अपनी धुन में मस्त रहे, जो उन्हें करना था वो करते रहे. उनकी पत्नी सुरभि ने भी उनका पूरा साथ दिया. पत्नी के साथ और उनकी लगन का ये परिणाम निकला कि उन्होंने 50 हजार करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी है.

संजीव का नाम भले बहुत से लोगों ने ना सुना हो लेकिन जो काम वो करते हैं उससे पूरा देश ही नहीं बल्कि दुनिया वाकिफ है. संजीव नौकरी डॉटकॉम (naukri.com) के माध्यम से लोगों को नौकरियां दिलाते हैं और जीवनसाथी डॉटकॉम (jeevansathi.com) वेबसाइट के माध्यम से सबकी जोड़ियां बनाते हैं. संजीव बिकचंदानी इन वेबसाइट्स को चलाने वाली कंपनी इंफोएज ( Info Edge) के मालिक हैं.

नौकरी छोड़ खड़ी कर दी 50 हजार करोड़ की कंपनी

आईआईएम अहमदाबाद से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने नामी कंपनी ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन में नौकरी की. कॉलेज के दिनों में ही उनकी मुलाकात सुरभि से हुई थी, बाद में दोनों ने शादी कर ली. सुरभि भी अच्छी कंपनी में जॉब करती थीं. ये साल 1990 था जब संजीव ने अपना खुद का बिजनेस शुरू करने का फैसला किया. उनकी पत्नी ने भी उन्हें भरोसा दिलाया कि वो हर तरह से उनके साथ हैं. सुरभि की सैलरी से घर खर्च चलने लगा और संजीव अपना सपना साकार करने में जुट गए.

1990 में ही संजीव बिकचंदानी ने अपने पिता के गैराज में सेकेंड हैंड कंप्यूटर और घर के पुराने फर्नीचर के साथ इन्फो एज (इंडिया) की शुरुआत की. ये भी सच था कि सुरभि की सैलरी से घर का पूरा खर्च नहीं चल पा रहा था लेकिन दोनों इस फैसले पर अड़े रहे कि हालात चाहे जीतने मुश्किल हो वे मिल कर सामना करेंगे. बिजनेस शुरू तो हुआ लेकिन कई सालों तक इसने संजीव को कोई कमाई नहीं दी.

लोगों ने सुनाए ताने पर संजीव हारे नहीं, पत्नी ने दिया साथ

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रिश्तेदारों और दोस्तों के लिए संजीव घर पर बैठे समय बर्बाद कर रहे थे, उन सबका कहना था कि उन्हें नौकरी कर लेना चाहिए. मजाक में दोस्त कई बार ये ताना भी मार देते थे कि वो पत्नी की कमाई पर जी रहे हैं. हालांकि, संजीव ने कभी भी इन बातों का असर अपने काम पर नहीं पड़ने दिया. बिजनेस को जमाने में उन्हें अपनी पत्नी का पूरा साथ मिली. सात साल की मेहनत के बाद जब उन्होंने जॉब पोर्टल Naukri.com की शुरुआत की तब दोनों की किस्मत बदली.

​बिजनेस शुरू करने के 7 साल बाद बदली किस्मत

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साल 1997 में संजीव के बिजनेस में उस वक्त अहम मोड़ आया जब उन्होंने जॉब पोर्टल Naukri.com की शुरुआत की. नौकरी डॉटकॉम ने उनके बिजनेस को बढ़ावा देना शुरू कर दिया. इसके बाद उन्होंने jeevasathi.com, 99acres.com, shiksha.com की भी शुरुआत की. इन कंपनियों ने उन्हें मुनाफे के साथ-साथ पहचान भी दिलाई. काम बढ़ने के साथ साथ उन्होंने निवेश भी शुरू कर दिया. समय के साथ संजीव की जोमैटो और पॉलिसीबाजार जैसी कंपनियों में भी हिस्सेदारी खरीद ली.​

आज संजीव की कंपनी इन्फो एज इंडिया का मार्केट कैप 57,500 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. फोर्ब्स के मुताबिक संजीव बिकचंदानी की कुल संपत्ति 2.3 बिलियन डॉलर यानी करीब 19,000 करोड़ रुपये से अधिक है. पिता के गैराज और पुराने कंप्युटर से अपने बिजनेस की शुरुआत करने वाले संजीव आज एक जानी-मानी हस्ती हैं.