यह इस बात से प्रमाणित हो गया कि उन्होंने ₹2 किलो गोबर खरीदने की बात की थी, वह नहीं खरीदा। इन्होने ₹100 किलो दूध खरीदने की बात की वह नहीं वह नहीं खरीदा। उन्होंने कहा कि लेकिन हद तो तब हो गई जब किसानों का खून पसीने का पैसा जो सरकार के पास एमआईएस के तहत पड़ा है और लगभग 100 करोड़ से ऊपर है सरकार ने अभी तक कोई भी किस्त उसकी जारी नहीं की।
उन्होंने वर्तमान की कांग्रेस सरकार और आरोप लगाते हुए कहा कि जो यह किसान और बागवान विरोधी सरकार है यह उस 100 रुपए करोड़ जो एमआईएस और हिमफेड के पास पड़ा है उसे भेजिए क्योंकि आने वाले समय में यहां के भगवान को पौधे खरीदने हैं, स्प्रे करनी है खाद डालनी है जब यह पैसे भगवानों के खून पसीने के पैसे सरकार जब तक नहीं देगी तब तक यहां के किसानों को कर्ज लेकर की सब सामान खरीदना पड़ेगा और प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री से हमारा आग्रह है विनती है कि गोबर खरीदने की बात छोड़ो वह आप नहीं खरीद सकते दूध खरीदने की बात छोड़ो वह नहीं खरीद सकते लेकिन जो किसानों का पैसा आपके पास पड़ा हुआ है बागवान का पैसा आपके पास पड़ा है उसकी किस्त को कम से कम आप जल्दी से जल्दी जारी करें ताकि किसानों को सुविधा हो सके और वह अपना सर्दियों का काम जो खेतो में बागवानो को करना है वह आसानी से कर सकें।