राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को गेयटी थिएटर में आयोजित एक कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने हिमाचल प्रदेश राज्य हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम लिमिटेड का नाम ‘हिमक्राफ्ट कॉर्पोरेशन’ करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस रीब्रॉडिंग का उद्देश्य निगम के कार्य को विस्तार प्रदान करना और बाजार में एक विशिष्ट ब्रांड के रूप में उत्पादों को बढ़ावा प्रदान करना है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हथकरघा एवं हस्तशिल्प के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करते हुए तीन श्रेणियों में राज्य स्तरीय पुरस्कार शुरू करने पर विचार कर रही है। इस पहल का उद्देश्य राज्य के पारंपरिक शिल्प में उत्कृष्ट हुनर की पहचान कर प्रोत्साहन प्रदान करना है।
व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने लोगों से परिवर्तन की इस प्रक्रिया में सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राज्य में आर्थिक संकट के लिए पूर्व सरकार एवं उनकी नीतियां जिम्मेवार हैं। वर्तमान सरकार राज्य को आत्मनिर्भर बनाने और कर्ज पर निर्भरता कम करने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आगामी चार वर्षों में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा और अगले दस वर्षों में हिमाचल देश का सबसे समृद्ध राज्य बनकर उभरेगा।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश इस समय आपदा के दौर से गुजर रहा है, लेकिन प्रदेश सरकार हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। प्रधान सचिव उद्योग आर.डी. नजीम ने राज्य सरकार द्वारा हथकरघा उद्योग से जुड़े लोगों के उत्थान और कल्याण के लिए किए जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी प्रदान की।
मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक हरीश जनारथा और विनोद सुल्तानपुरी, हिमाचल प्रदेश सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेन्द्र श्याम, महापौर सुरेंद्र चौहान, प्रबंध निदेशक राज्य हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम जतिन लाल, उपायुक्त आदित्य नेगी और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।