Solar Eclipse 2023: कब लगेगा इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, क्या भारत में दिखेगा Ring of Fire का अद्भुत नजारा?

Solar Eclipse 2023: 14 अक्टूबर को एक अद्भुत खगोलीय घटना घटने वाली है. इस दिन धरती से एक दुर्लभ वार्षिक सूर्य ग्रहण (Rare Annual Solar Eclipse) दिखाई देगा, जिसमें चंद्रमा सूर्य के कुछ हिस्से को ढक लेगा और धरती से एक रिंग ऑफ़ फ़ायर (Ring of Fire) नज़र आएगा.

14 अक्टूबर 2023 का सूर्य ग्रहण कहां से दिखेगा?

annual solar eclipse 2023Money Control

वेस्टर्न हेमिस्फ़ेयर (Western Hemisphere) से 14 अक्टूबर का सूर्य ग्रहण नज़र आएगा. NASA के अनुसार, साउथ वेस्टर्न USA के लोगों को सूर्य ग्रहण दिखाई देगा.\

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नॉर्थ अमेरिका और साउथ अमेरिका से भी सूर्य ग्रहण देखा जाएगा. चंद्रमा सूरज के सामने 14 अक्टूबर को रात के 8:35 IST बजे से 15 अक्टूबर सुबह के 2:25 बजे IST के बीच आएगा. गौरतलब है कि भारत से सूर्य ग्रहण नहीं दिखेगा क्योंकि भारत में उस समय रात होगी.

NASA के मुताबिक मौसम ठीक रहा तो ये सूर्य ग्रहण ओरेगोन, नेवादा, उटाह, न्यू मेक्सिको और टेक्सस के साथ-साथ केलिफॉर्निया, इदाहो, कोलेराडो और एरिजोना के कुछ हिस्से से भी देखा जा सकता है. Weather.com के अनुसार 14 अक्टूबर के बाद 21 जून, 2039 तक अमेरिका में इस तरह का सूर्य ग्रहण नहीं देखा जाएगा.

मेक्सिको, बेलिज़, ग्वाटेमाला, निकारागुआ, कोस्टा रिका, पनामा, कोलंबिया और ब्राज़िल से भी ये एनुअल सोलर एक्लिप्स देखा जा सकता है.

वार्षिक सूर्य ग्रहण क्या है? (What is Annual Solar Eclipse?)

annual solar eclipse 2023 Space.com/Representative Image

वार्षिक सूर्य ग्रहण चंद्रमा पृथ्वी से कितनी दूरी पर है, इस पर निर्भर करता है.

NASA के अनुसार जब चंद्रमा पृथ्वी से सबसे दूर होता है और सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुज़रता है तब एनुअल या वार्षिक सोलर एकलिप्स की घटना घटती है. चंद्रमा इस खगोलीय घटना के दौरान सूर्य के काफ़ी बड़े हिस्से को ढक लेता है. इसी वजह से आसमान में ‘रिंग ऑफ फ़ायर’ बनता है.

सूर्य ग्रहण कैसे होता है? (How do solar eclipse occur?)

annual solar eclipse 2023NASA

जब चंद्रमा सूर्य और धरती के बीच आता है तब सूर्य ग्रहण (surya grahan kaise hota hai) होता है. चंद्रमा थोड़ी देर के लिए सूर्य की रौशनी को पृथ्वी तक पहुंचने नहीं देता और एक काली छाया बन जाती है. चंद्रमा यूं तो आकार में सूर्य से काफ़ी छोटा है लेकिन पृथ्वी से सही दूरी होने पर ये खगोलिय घटना घटती है.