सोलन: बागवानी विभाग सोलन अब किसानों को पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर उच्च मूल्य वाली फसलों की ओर प्रेरित कर रहा है। विभाग की उप-निदेशक डॉ. शिवाली ठाकुर ने बताया कि जिले में ब्लूबेरी और ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकारी फार्मों और किसानों की जमीन पर विशेष डेमोंस्ट्रेशन प्लॉट स्थापित किए गए हैं, जिससे किसान तकनीक को प्रत्यक्ष रूप से समझ सकें।डॉ. शिवाली ठाकुर ने कहा कि ब्लूबेरी की कई किस्में उपलब्ध हैं, जो नालागढ़ जैसे गर्म क्षेत्रों से लेकर चायल जैसे ठंडे इलाकों में भी सफलतापूर्वक उगाई जा सकती हैं। इनकी खेती के लिए 4.5 से 5.5 pH वाली अम्लीय मिट्टी की आवश्यकता होती है। यह फसल पारंपरिक खेती से अलग है, क्योंकि ब्लूबेरी की खेती जमीन की बजाय कोकोपीट और परलाइट से भरे ग्रो बैग्स में की जाती है।500 वर्ग मीटर क्षेत्र में 500 ग्रो बैग लगाने पर लगभग 9–10 लाख रुपये का शुरुआती खर्च आता है। तीसरे वर्ष से प्रति पौधा 3–4 किलो फल मिलने लगता है, जिससे किसान सालाना 8–10 लाख रुपये की आय प्राप्त कर सकते हैं। विभाग ने किसानों से अपील की है कि कम जोत में भी अधिक मुनाफा देने वाली इन फसलों को अपनाकर अपनी आमदनी बढ़ाएं।