इस बार वजह गाद नहीं, बल्कि गिरी पेयजल योजना की मुख्य पाइपलाइन में हुआ लीकेज है। यह लीकेज अश्विनी खड्ड के पास पाइपलाइन के क्रॉसिंग पॉइंट पर हुआ है, जहां से हजारों लीटर पानी सीधे खड्ड में बह रहा है, और लोग प्यासे रह गए हैं। पाइपलाइन से उठता पानी का फवारा आम जनता की बुनियादी ज़रूरतों की अनदेखी का प्रतीक बन चुका है। जल शक्ति विभाग के कर्मचारी भले ही लीकेज सुधारने में जुटे हों, लेकिन नगर निगम के टैंकों तक पानी पहुंच ही नहीं पा रहा है, जिससे शहर की सप्लाई पूरी तरह चरमरा गई है। पिछले दो दिनों से पानी की आपूर्ति कुछ हद तक सामान्य होने की उम्मीद थी, लेकिन अब यह लीकेज हर उम्मीद पर पानी फेर गया है। प्रशासन की ढिलाई और रखरखाव में लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। सवाल यह है कि हर कुछ दिन में कभी गाद, कभी लीकेज और कभी तकनीकी खराबी—आख़िर कब तक शहरवासी इस तरह की परेशानियों से जूझते रहेंगे? जल शक्ति विभाग का कहना है कि मरम्मत का कार्य जारी है, लेकिन कोई स्पष्ट समयसीमा नहीं दी गई कि कब तक आपूर्ति बहाल हो सकेगी।