बीजेपी जिलाध्यक्ष संजीव शर्मा बोले संगठन सर्वोपरी, अब प्रेस कांफ्रेंस करने से पहले उनसे लेनी होगी अनुमति
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा हरिपुर के 3 धरोहर मंदिरो को आए 1 करोड़ रुपए का श्रेय एक छुट भईया नेता ले रहा था श्रेय, पार्टी में उपजी अंदरूनी कलह सड़क तक पहुंची…
अनुराग ठाकुर, केंद्रीय मंत्री ने बीते कुछ दिन पहले हरिपुर में उन्होंने कहा था कि राम मंदिर और अन्य धरोहर मंदिरो को 1 करोड़ रूपए स्वीकृत करने वाला हूं
देहरा बीजेपी में बीते रोज दिनभर प्रेस कांफ्रेंस का दौर चलता रहा। वजह 800 साल पुराने राम मंदिर हरिपुर की अनदेखी रही। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर बीते दिनों छोटी काशी हरिपुर के तीन मंदिरों के लिए 1.03 करोड़ रुपए जारी किए। जिसमें राम मंदिर का नाम न होने की वजह से विवाद बढ़ गया। कहा जा रहा है कि किसी ने राम मंदिर का नाम लिस्ट से बाहर निकाला है। इसको लेकर विवाद शुरु हो गया। हरिपुर गुलेर से संबंध रखने वाले एक युवा नेता ने जब मिडिया में यह खबर छपवा दी कि उसके कहने से केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह धनराशि जारी की है। उसके बाद से ही हरिपुर में बीजेपी को आपात बैठक बुलानी पड़ी और अलग अलग प्रेस कांफ्रेंस भी हुई।
बीजेपी के जिला कार्यालय में बीजेपी जिलाध्यक्ष संजीव शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अब कोई भी बीजेपी का पदाधिकारी या कार्यकर्ता सीधा प्रेस कांफ्रेंस नहीं कर सकेगा। अब प्रेस कांफ्रेंस करने के लिए उनसे अनुमति लेना अनिवार्य होगा। संजीव शर्मा ने कहा कि हरिपुर गुलेर से संबंध रखने वाले एक बीजेपी कार्यकर्ता ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा हरिपुर के तीन मंदिरों को 1.03 करोड़ रुपए जारी करने पर खुद श्रेय लेने की कोशिश की ओर खुद को फर्जी प्रदेश मिडिया प्रभारी भी बताया। इसपर अब पार्टी कारण बताओ नोटिस जारी कर रही है। कुछ लोग अपनी लाइम लाइट में आने के लिए हाईलाइट दे देते हैं जिससे पार्टी नीचे हो जाती है। संजीव शर्मा, जिलाध्यक्ष ने कहा कि भाजपा का मूल सिद्धांत है देश पहले, पार्टी दूसरे और मैं तीसरे स्थान पर। जब मैं पहले स्थान पर आ जाता है तो देश और पार्टी नीचे चले जाते हैं। जो लोग खुद को संगठन से ऊपर समझ रहे हैं पार्टी उन्हें बाहर का रास्ता दिखाने से गुरेज नहीं करेगी।
उधर बीजेपी के पूर्व मंत्री रमेश धवाला ने भी कहा कि राम मंदिर को भी पैसा दिया जाएगा इसके लिए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से बात कर ली है। विवाद के कारण पर बात करते हुए रमेश धवाला ने कहा कि जिससे भी यह गलती हुई या उसने इसके लिए श्रेय लेने की कोशिश की वो अनजाने में हुई है। क्योंकि युवाओं से गलती हो जाती है इसके लिए उसने माफी भी मांगी है। अगर दोबारा गलती दोहराई गई तो पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखाया जाएगा।
क्या है 850 बर्ष पुराने राम मंदिर हरिपुर का मुद्दा
बता दे कि पिछले दिनों मीडिया ने 800 वर्ष पुराने ऐतिहासिक राम मंदिर हरिपुर के जीर्णोद्धार का मुद्दा उठाया था। उसी का संज्ञान लेते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने पिछले दिनों हरिपुर के दौर के दौरान 1 करोड़ 3 लाख हरिपुर के मंदिरों के लिए स्वीकृत करवाया। इलाके में उनकी इस पहल का स्थानीय इलाके में हर किसी ने स्वागत और धन्यवाद किया। क्योंकि उसमें ऐतिहासिक धरोहर राम मंदिर का भी जिक्र किया गया था। लेकिन जैसे ही हरिपुर के तीन मंदिरों के लिए राशि स्वीकृत हुई। लेकिन उसमें बड़े ही आश्चर्य की बात यह हुई की 850 वर्ष पुराने ऐतिहासिक राम मंदिर के नाम पर कोई भी पैसा स्वीकृत नहीं किया गया था। उसी को लेकर स्थानीय लोगों ने प्रधान राम मंदिर हरिपुर शिव कुमार, सुधीश अवस्थी, प्रदीप शास्त्री, शिव शास्त्री, संदीप कुमार, संजीव, नीरज, ओंकार, प्रणव, अर्पणा, शारदा कुमारी, रेवता कुमारी, प्रवीण कुमारी, सतीश कुमार ने राम मंदिर के प्रांगण में इकट्ठे होकर रोष प्रकट किया और साथ ही उन्होंने प्रशासन और केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर से फिर से मांग रखी की इस ऐतिहासिक राम मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए भी समय रहते उचित कदम उठाए जाएं। लोगों ने कहा कि यह राम मंदिर जब गुलेर रियासत की स्थापना हुई थी उस समय का मंदिर है और इस राम मंदिर में सैंकड़ों वर्ष प्राचीन मूर्तियां गुलेर राजा द्वारा स्थापित की गई हैं। हरिपुर के आसपास की 20 से 25 पंचायतों में सबसे प्राचीन मंदिर हरिपुर राम मंदिर की है। लोगों ने कहा कि जब हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में भगवान राम जी की प्राण प्रतिष्ठा कर रहे थे तो उस समय हरिपुर राम मंदिर में भी हवन भंडारा, एवम जगराते का आयोजन किया गया। परंतु जब हरिपुर के मात्र तीन मंदिरों को एक करोड़ तीन लाख रुपए स्वीकृत हुए तो स्थानीय लोग श्री राम मंदिर की अनदेखी होने पर दुखी हुए। लोगों ने केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से आग्रह किया है कि हमारे सबसे प्रिय राम मंदिर के जीर्णो द्वार के लिए धनराशि सहयोग प्रदान करें।
साथ ही स्थानीय लोगों व राम भक्तों ने छुटभैया नेताओं को कहा की राम मंदिर के मुद्दे पर राजनीति कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। राजनीति श्रेय लेने के लिए व अपनी घटिया राजनीति करना बिल्कुल बंद करें।