सियाली महादेव कल सियाल मेले के लिए रवाना हुए।

प्राचीन काल से चली आ रही रीत । फागुन के महीने में भगवान सियाली महादेव भगवान मेले के लिए रवाना हुए। उनके साथ लाखों की तादाद में श्रद्धालु भी गये।ढोल नगाड़ों के साथ भगवान सियाली महादेव ने सियाली महादेव मंदिर में आकर भगवान शिव के आगे नतमस्तक हुये। उनके वहां पहुंचते ही श्रद्धालुओ की लम्बी लाइनें लग गई। श्रद्धालुओं ने हलवे का भोग लगाया उसके उपरांत भगवान सियाली महादेव ने कुल्वी नाटी डाली। उनके साथ अन्य देवते भी उपस्थित रहे। ऐसा माना जाता है जब तक भगवान सियाली महादेव मेले में नहीं पहुंचते मेला शुरू नहीं होता।सियाली महादेव सियाल गांव के घर घर जाकर धूप लेते। भक्तों के लिए बहुत ही सौभाग्य की बात है उनको भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है। उसके पश्चात् यहां मेला लगता है वहां जाते हैं। मेले में भगवान सियाली महादेव के साथ शढलये गौरी, श्रृगा ऋषि कार्तिक स्वामी,व अन्य देवता पहुंचते जो मेले की शोभा बढ़ाते हैं।