हम आपदा को रोक तो नहीं सकते हैं, किन्तु इससे होने वाले जान-माल की हानि को कम अवश्य ही कर सकते हैं। भूकंप क्षेत्रीयकरण के अनुसार हिमाचल को चार व पांच जोन में बांटा गया है। हिमाचल का 32 प्रतिशत क्षेत्र भूकंप संवेदनशील क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। आपदा की दृष्टि से सिरमौर जिला को ‘‘जोन-5‘‘ में रखा गया है, यहां बादल फटने और भूस्खलन की अधिक आशंका है।
चतुर्थ गृह रक्षक वाहिनी, नाहन के प्लाटून कमांडर नरेश कुमार ने डाईट, नाहन में आपदा जोखिम न्यूनीकरण समर्थ-2023 पखवाड़े के तहत आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला के अवसर पर प्रदान की। प्लाटून कमांडर संतोष ने आपदा के दृष्टिगत ‘‘फर्स्ट एड’’ के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि आपदा से पीड़ित रोगी को चिकित्सीय उपचार मिलने से पहले उसे समय पर फर्स्ट एड दिये जाने से उसकी जान बचाई जा सकती है। आपदा प्रभावित रोगियों को किस प्रकार फर्स्टएड दिया जाना चाहिए इस कार्य को प्रेक्टिकल तौर पर कार्यान्वित किया गया।
डाइट की प्रवक्ता शिवानी थापा ने जोखिम भेद्यता मूल्यांकन के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि आपदा के समय केवल जागरूकता हमारे नुकसान को कम कर सकती है। कार्यशाला में प्रतिभागियों को आपदा न्यूनीकरण खोज एवं बचाव कार्य के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
अग्निशमन विभाग द्वारा इस अवसर पर मॉक ड्रिल आयोजित कर कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को आपदा से निपटने की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। कार्यशाला में ओंकार शर्मा कार्यक्रम समन्वयक, विभिन्न स्कूलों के अध्यापकगण सहित करीब 50 प्रतिभागियों ने भाग लिया।