शूलिनी विश्वविद्यालय में चित्रकूट स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स ने ‘कवि वाणी’ नामक एक काव्य कार्यक्रम के साथ हिंदी दिवस मनाया। इस कार्यक्रम में छात्र, शिक्षक और कर्मचारी एक साथ आए, जिन्होंने “कविता के रंग, नशा-मुक्त जीवन के साथ” विषय पर कविताएँ सुनाईं।
इस उत्सव का उद्देश्य कविता के माध्यम से हिंदी भाषा को बढ़ावा देना और नशा मुक्त जीवन शैली की वकालत करना था।
कार्यक्रम की शुरुआत हिंदी के सहायक प्रोफेसर डॉ. प्रकाश चंद के स्वागत भाषण से हुई, “कवि वाणी” में डॉ. एकता सिंह, डॉ. दिवाकर शर्मा, डॉ. डी. डी. शर्मा, डॉ. पूर्णिमा बाली, हेमन्त कुमार शर्मा, और कमल गौतम शर्मा सहित चित्रकोट स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स के कवि शामिल थे। विदुषी जस्टा, अर्चना, स्वर्णिम सुप्रकाश, न्यासा तिरिया और आशी जैसी युवा कवी और कवयितियाँ भी शामिल थे।
चित्रकोट स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स की प्रमुख डॉ. पूर्णिमा बाली ने हिंदी भाषा को बढ़ावा देने और युवाओं के बीच रचनात्मकता को बढ़ावा देने में ऐसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “‘कवि वाणी’ जैसे आयोजन न केवल हमारी भाषाई विरासत को बढ़ावा देते है बल्कि व्यक्तियों को नशा मुक्त और सार्थक जीवन जीने के लिए प्रेरित भी करते हैं।”
कार्यक्रम का समापन प्रोफेसर तेजनाथ धर के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ, जिन्होंने सभी प्रतिभागियों और उपस्थित लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने में कवियों, संकाय सदस्यों, छात्रों और कर्मचारियों के योगदान को सराहा।