हमारी सुबह अक्सर धूप की किरण के साथ आने वाली चिड़ियों की चहचहाट के साथ होती है. कई प्रजातियों की चिड़िया अपनी मधुर आवाज़ में चहचहाती है और हमें जगाती है. आपको अगर सुबह उठने की आदत नहीं है तो ये नैचुरल अलार्म सुनकर आपको चिढ़ होगी. लेकिन दुनिया में सभी परिंदों की आवाज़ मधुर नहीं होती. एक ऐसा परिंदा भी है जो बोलता है तो ऐसा लगता है मानो कहीं मास शूटिंग हो रही हो या मशीन गन चल रही हो! हम बात कर रहे हैं शूबिल स्टोर्क (Interesting Facts About Shoebill Storks) की.
दुनिया की सबसे डरावनी चिड़िया
शूबिल स्टॉर्क को दुनिया की सबसे डरावनी चिड़िया कहा जाता है. ये ट्रॉपिक ईस्ट अफ़्रीका, साउथ सूडान, युगांडा में पाई जाती है. ये 4-5 फ़ीट तक लंबी हो सकती है और इनके पंखों की लंबाई 8 फ़ुट से ज़्यादा तक हो सकती है. शूबिल शक्ल से थोड़ी डरावनी लगती है लेकिन इसकी आंखें सुनहरी होती हैं. गौरतल है कि अगर ये आपको घूर रही हो तो ऐसा लगता है मानो मौत खड़ी हो. इसे ‘डेथ स्टेयर’ (Death Stare) भी कहा जाता है.
The Avicultural Magazine के 1908 के एडिशन के मुताबिक जर्मन डिप्लोमैट और एक्सप्लोरर फ़र्डिनैंड वेर्ने शूबिल को देखने वाले पहले यूरोपियन थे. 1840 के दशक में अफ़्रीकी यात्रा के दौरान उन्होंने इस पक्षी को देखा. तकरबीन 10 साल बाद मैन्सफ़ील्ड पार्कीन्स नामक कलेक्टर दो शूबिल लेकर इंग्लैंड पहुंचे.
19वीं शताब्दी के ज़ूलॉजिस्ट स्टैन्ले फ़्लावर ने लिखा था, ‘शूबिल आपको काटकर बुरी तरह घायल कर सकता है और ये एक सेफ़ बर्ड नहीं है. किसी भी अजनबी को इसके पास जाने से पहले विचार करना चाहिए.’
जूते जैसी चोंच
शूबिल का नाम शूबिल इसलिए पड़ा क्योंकि इसका बिल यानि चोंच जूते की तरह दिखता है. इसे व्हेल हेडेड स्टोर्क (Whale Headed Stork) भी कहा जाता है क्योंकि इसका सिर बालीन व्हेल (Baleen Whale) की तरह भी दिखता है. कुछ विशेषज्ञों का ये भी कहना है कि ये स्टोर्क से ज़्यादा पेलिकन से मिलती-जुलती चिड़िया है.
मशीन गन जैसी आवाज़
शूबिल अकेले रहना पसंद करते हैं. जब शूबिल आवाज़ निकालता है तो ऐसा लगता है कि मशीन गन चल रही हो. अगर आप पक्षी को न देखे तो पक्का यही लगेगा कि कहीं कोई एक्शन फ़िल्म चल रही है. गौरतलब है कि शूबिल बहुत शांत होते हैं और सिर्फ़ मेटिंग सीज़न में ही शोर करते हैं. इनमें काफ़ी धैर्य होता है. ये घंटों नदी में अपने शिकार के इंतज़ार में खड़े रह सकते हैं.
तेज़ी से घट रही है जनसंख्या
IUCN की रेड लिस्ट के अनुसार शूबिल विलुप्त होने की कगार पर हैं. दुनिया में सिर्फ़ 3300-5300 मैच्योर शूबिल बचे हैं और इनकी तादाद तेज़ी से कम हो रही है. इसकी वजह है हैबिटेट लॉस, शिकारी, तेल के कुंए, जंगल की आग, प्रदूषण आदि. अंतर्राष्ट्रीय वाइल्डलाइज़ ग्रुप्स और स्थानीय कन्ज़र्वेशनिष्ट बचे हुए शूबिल्स के संरक्षण पर काम कर रहे हैं.
शूबिल्स को कैद में रखने से ये प्रजनन नहीं करते. पिछले 100 सालों में बाड़े में कैद होकर सिर्फ़ दो शूबिल्स ने जन्म लिया है. ब्लैक मार्केट में इनकी कीमत काफ़ी ज़्यादा है. एक ज़िन्दा शूबिल की कीमत दुबई और सउदी अरब में 10,000 डॉलर तक जा सकती है.