Shashi Kapoor Death Anniversary: वो Actor जिसे नहीं पैदा करना चाहती थी उनकी मां, भाई Raj Kapoor ‘टैक्सी’ कहकर बुलाते थे

Shashi Kapoor Death Anniversary: एक्टर पृथ्वीराज कपूर के बेटे, राज कपूर और शम्मी कपूर के छोटे भाई शशि कपूर (shashi kapoor) ने हिंदी सिनेमा में अपनी एक अलग पहचान बनाई. 18 मार्च 1938 को जन्मे इस कलाकार ने 10 साल की उम्र में ही अपनी पहली फिल्म आग में अपने भाई राजकपूर के बचपन का रोल प्ले किया था. बाल कलाकार के तौर पर शशि कपूर ने 4 फिल्में की और फिर उन्हें थिएटर में दिलचस्पी जाग उठी. थिएटर ने ही उन्हें उनकी जीवनसाथी जेनिफर केंडल से मिलवाया था. आइए बॉलीवुड के इस लीजेंड एक्टर को जरा नजदीक से जानते हैं:

शशि कपूर को जन्म नहीं देना चाहती थीं उनकी मां

Shashi Kapoor Death Anniversary/ instagram/shashikapoorjithelegendShashi Kapoor Death Anniversary/ instagram/shashikapoorjithelegend

शशि कपूर ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि जब उनकी मां रामसरनी को पता चला था कि वह पांचवें बच्चे की मां बनने वाली हैं तो वह बहुत शर्मिंदा हुई थीं. वह अपने पेट में ही शशि कपूर को खत्म करना चाहती थीं. हालांकि उस वक्त किसी तरह की दवाएं नहीं आती थीं इसलिए वह गर्भपात के लिए साइकिल से गिरती, सीढ़ियों से गिरती रहीं लेकिन शशि कपूर को इस दुनिया में आना था और वह आ गए. एक्टर की मां उन्हें फ्लुकी कहकर बुलाती थीं.

आर्थिक तंगी के चलते बेचनी पड़ी थी पसंदीदा कार 

Shashi Kapoor Death Anniversary/ The Bridal BoxShashi Kapoor Death Anniversary/ The Bridal Box

मशहूर एक्टर पद्म भूषण शशि कपूर की जिंदगी में ऐसा मोड़ भी आया जब उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा था. उनके बेटे कुणाल ने एक इंटरव्यू में बताया कि, 60 के दशक में उनके पिता को फिल्में मिलना बंद हो चुका था और ऐसे हालात हुए कि शशि कपूर को अपनी पसंदीदा स्पोर्ट्स कार तक को बेचना पड़ा था. कर्ज के चलते उन्होने अपने पत्नी जेनिफर (jennifer kendal) तक के गहने बेच दिए थे.

कपूर खानदान मानने लगा था अनलकी

Meet Bollywood's real life Kapoor and Sons /  RediffmailMeet Bollywood’s real life Kapoor and Sons / Rediffmail

शशि कपूर के करियर की शुरुआत में उनकी फिल्में लगातार बॉक्स ऑफिस पर असफल रही, जिसके चलते उन्हें कपूर खानदान में अनलकी माना जाने लगा था. उनके साथ कोई भी एक्ट्रेस और डायरेक्टर काम नहीं करना चाहते थे. लेकिन फिल्म जब-जब फूल खिले के लिए एक्ट्रेस नंदा ने शशि कपूर के साथ काम करने के लिए हामी भर दी थी और फिल्म सुपरहिट साबित हुई थी. शशि कपूर को इस फिल्म के लिए 5 हजार रुपये का  साइनिंग अमाउंट मिला था लेकिन उनकी पत्नी जेनिफर ने उन पैसों को करीब 6 महीने तक हाथ नहीं लगाया था. क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं डायरेक्टर या प्रोड्यूसर वापस से पैसे ना मांग ले.

दर्द में पिता पृथ्वीराज कपूर ने शीशा थमा दिया था

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वैसे तो शशि कपूर के जीवन से जुड़े कई किस्से हैं, लेकिन एक किस्सा उनके पिता के साथ का याद आता है. जब वह थिएटर कर रहे थे तो उनकी पीठ में फोड़ निकल आया था और वह इतना दर्द देता था कि शशि रातभर सो नहीं पाते थे. हालांकि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन जब वह वापस घर आए तो दर्द कम नहीं हुआ. एक रात जब वह दर्द से करहा रहे थे तो उनके बगल वाले कमरे में उनके पिता पृथ्वीराज सो रहे थे. वह भागते हुए शशि के कमरे में आए और उन्हें देखकर वापस चले गए. लेकिन जब दुबारा उन्होंने शशि के करहाने की आवाज सुनी तो उन्हें शीशा दे गए.

शीशा देते हुए एक्टर पृथ्वीराज ने कहा इस दर्द को अवसर की तरह लो और दर्द के चलते अपने एक्सप्रेशन्स को देखो और उसे ही अपने दिमाग में कैद कर लो. यही एक्सप्रेशंस तुम्हें लेजेंड एक्टर बना देंगे. आपको बता दें कि फिल्म सुहाग में जब शशि कपूर की आंखें चली जाती हैं तो उन्होंने अपने पिता के शीशे वाले किस्से को ही याद किया था.

मनमोहन देसाई के ऊपर फेंक दी थी चाकू

 manmohan desai/ Cinestaanmanmohan desai/ Cinestaan

साल 1973 की बात है जब डायरेक्टर मनमोहन देसाई (manmohan desai) के साथ शशि कपूर आ गले लग जा मूवी की शूटिंग कर रहे थे, तो एक सीन में शशि के ऊपर चाकू से वार करना था जिसमें चाकू ओरिजनल थी. शशि ने यह सीन करने से मना कर दिया था और चिढ़कर चाकू मनमोहन के ऊपर ही फेंक दी थी. तब मनमोहन ने चिल्लाकर कहा था अगर लग जाती तो? शशि ने इसका जवाब में कहा था यही बात मैं तुम्हें तब से समझा रहा हूं.

भाई राजकूपर ‘टैक्सी’ कहकर बुलाते थे

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‘सत्यम शिवम सुंदरम’ के लिए डायरेक्टर राज कपूर ने अपने भाई शशि कपूर को लेने का सोचा था लेकिन उस वक्त एक्टर शशि कपूर काफी बिजी चल रहे थे. राज कपूर जब भी शशि से पूछते थे वह हमेशा डेट्स ना होने का बहाना बना देते थे. एक बार गुस्से में आकर राजकपूर शशि से बोले कि तुम्हारा मीटर तो हमेशा ही डाउन रहता है क्या तुम टैक्सी हो? तब से राज कपूर शशि कपूर को टैक्सी कहकर पुकारने लगे थे.

क्या बोले थे शशि कपूर आखिरी इंटरव्यू में?

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4 दिसंबर 2017 को शशि कपूर का निधन हो गया था और एक्टर ने अपने आखिरी इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने हिंदी सिनेमा को नौकरी के तौर पर ज्वॉइन किया था औऱ उन्हें जो भी रोल मिलते थे उन्हें वह शिद्दत से निभाते थे. उनका मकसद कभी स्टार बनने का नहीं था बल्कि वह अपनी फैमिली को केवल सपोर्ट करना चाहते थे.