सोलन मॉल रोड पर स्थित कृष्ण मंदिर के पुजारी पंडित मदन दत्त शर्मा ने शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए इस पर्व के धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शरद पूर्णिमा की रात्रि को चंद्रमा से विशेष प्रकार की किरणें निकलती हैं, जिनका मानव जीवन पर अत्यंत शुभ प्रभाव पड़ता है। पंडित शर्मा ने बताया कि शरद पूर्णिमा की रात खीर का विशेष भोग तैयार किया जाता है। इस खीर को पात्र सहित छत या अटारी पर रखा जाता है ताकि चंद्रमा की सीधी किरणें उस पर पड़ें। पूरी रात खीर चंद्रकिरणों में रखी जाती है और अगले दिन प्रातः इस खीर का प्रसाद के रूप में सेवन किया जाता है। माना जाता है कि चंद्रमा की इन शीतल किरणों से युक्त खीर मन को शांति और शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है। बच्चों के लिए यह विशेष रूप से लाभकारी मानी गई है।
पंडित मदन दत्त शर्मा ने आगे बताया कि शरद पूर्णिमा से ही कार्तिक मास का शुभारंभ भी हो जाता है। इस मास में स्नान, कथा और दान का विशेष महत्व होता है। श्रद्धालु प्रातःकाल कार्तिक स्नान कर पुण्य अर्जित करते हैं। कल से ही कार्तिक मास की कथा का शुभारंभ होगा, जिसे परंपरानुसार तारे की छांव में प्रारंभ कर तारे की छांव में ही पूर्ण किया जाता है।उन्होंने कहा कि कार्तिक मास के दौरान तुलसी, आंवला और मारती की विशेष पूजा आरंभ की जाती है। यह काल भक्ति, साधना और आत्मिक शांति का प्रतीक माना जाता है।बाइट Pandit Madan dutt sharma
शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व चंद्रमा की किरणों से बनी खीर देती है मन को शांति – पंडित मदन दत्त शर्मा