भारत का तीसरा चंद्र मिशन चंद्रयान-3 बुधवार, 23 अगस्त को शाम 6.03 बजे IST पर सफलतापूर्वक चंद्रमा पर उतरा. इस ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ, भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने वाला पहला देश बन गया है. साल 2019 में चंद्रयान-2 की सफल लैंडिंग नाकाम रहने के बाद यह भारत का दूसरा प्रयास था. मगर साइकिल से लेकर चांद तक पहुंचने का सफर ISRO के लिए आसान नहीं रहा है. तो आइए एक नजर डालते हैं ‘साइकिल से चांद तक’ ISRO’s Journey-
आपमें से कुछ लोगों को यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि इसरो का गठन वास्तव में 1962 में हुआ था. अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए भारतीय राष्ट्रीय समिति, जैसा कि तब कहा जाता था, का गठन विक्रम साराभाई और भौतिक विज्ञानी कल्पथि रामकृष्ण रामनाथन के नेतृत्व में किया गया था.
प्रसिद्ध भारतीय खगोलशास्त्री के नाम पर रखा गया आर्यभट्ट अंतरिक्ष यान, भारत का अब तक लॉन्च किया गया पहला सैटेलाइट था. हालाँकि इसे पूरी तरह से भारत में डिज़ाइन और निर्मित किया गया था, लेकिन इसे 19 अप्रैल, 1975 को Soviet Kosmos-3M रॉकेट पर लॉन्च किया गया था.
1981 तक, इसरो के पास लॉन्च करने के लिए अपना पहला स्वदेशी उपग्रह, एरियन पैसेंजर पेलोड एक्सपेरिमेंट (APPLE) था, जो एक Experimental Communication Satellite था. Electro-Magnetic Cleanliness का परीक्षण करने के लिए, इसरो को बैलगाड़ी का इस्तेमाल करना पड़ा था.
भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा भारत और सोवियत संघ के बीच एक संयुक्त मानव मिशन का हिस्सा थे, 1984 में, उन्होंने रूसी अंतरिक्ष स्टेशन Salyut 7 पर 8 दिन बिताए, जिससे वह अंतरिक्ष में जाने वाले अब तक के एकमात्र भारतीय नागरिक बन गए.
आधुनिक समय के इसरो वर्कहॉर्स, पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल ने अक्टूब 1994 में अपनी पहली उड़ान भरी थी. तब से, सभी प्रकार के सैटेलाइट्स को कक्षा में स्थापित करने के लिए रॉकेट के संस्करणों का उपयोग किया गया है.
2001 में, हमने पहली बार जियो-सिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV) लॉन्च किया था, इससे 18 साल पहले यह हमारे सैटेलाइट को दूसरी बार चंद्रमा पर ले गया था.
2008 में, इसरो ने चंद्रयान-1 मिशन के दौरान चंद्रमा की कक्षा में एक सैटेलाइ स्थापित करके अपनी अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल की. इससे चंद्रमा पर पानी की अभूतपूर्व खोज हुई.
पांच साल बाद, 2013 में, इसरो ने मंगल ग्रह पर और भी आगे बढ़ने की सोची. अंतरिक्ष एजेंसी ने मंगलयान/मार्स ऑर्बिटर मिशन लॉन्च किया, अंततः इसे 2014 में मंगल ग्रह की कक्षा में स्थापित किया, जहां से यह तब से डेटा स्ट्रीम कर रहा है.
इसरो ने 15 फरवरी 2017 को PSLV-C 37 लॉन्च किया था तब उसके साथ 104 सैटेलाइट्स को भी लॉन्च किया गया था. इससे पहले यह रिकॉर्ड रूस के नाम थे.
भारत का तीसरा चंद्र मिशन चंद्रयान-3 बुधवार, 23 अगस्त को शाम 6.03 बजे IST पर सफलतापूर्वक चंद्रमा पर उतरा. इस ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ, भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने वाला पहला देश बन गया है और संयुक्त राज्य अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन के बाद चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश भी बन गया है.