हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने पहली कक्षा में दाखिले को लेकर दायर की गई जनहित याचिका में एक अहम फैसला सुनाया है। चीफ चीफ जस्टिस राजीव शकदर और सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने सरकार और स्कूलों को आदेश जारी करते हुए कहा है कि मौजूदा शैक्षणिक सत्र में 6 साल से कम आयु के बच्चों को पहली कक्षा में दाखिला दिया जाए। अभिभावको ने कोर्ट केस फैसले से राहत की सांस ली है। इससे अब पांच साल से ऊपर का बच्चा जो पहली कक्षा में जाने के लिए पात्र है उसका दाखिला नही रुकेगा।
याचिकाकर्ता के वकील सुमन ठाकुर ने बताया कि माननीय न्यायालय ने प्रदेश सरकार की 16 2 2024 को जारी की गई अधिसूचना को अनुचित और पक्षपात पूर्ण बताया है। कोर्ट ने कहा है कि बच्चों से उनका शिक्षा का अधिकार छीनना उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 को चरणबद्ध लागू करने के लिए हिमाचल सरकार को साल 2021 में दिशा निर्देश जारी किए थे, हालांकि सरकार दुआरा इस विषय में 3 साल तक कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई। इस निर्णय से राज्य में करीब 50000 बच्चों को कक्षा 1 में दाखिला मिलने का रास्ता साफ हो गया है। और माननीय उच्च न्यायालय का धन्यवाद जताया है।