कृषि उपनिदेशक डॉ. देव राज कश्यप ने किसानों को जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार की ओर से एक महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश प्राप्त हुआ है, जिसके तहत मिट्टी की सेहत को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से जिला, उपमंडल और पंचायत स्तर पर ‘धरती बचाओ निगरानी समितियों’ का गठन किया जाएगा।डॉ. कश्यप ने बताया कि इन समितियों का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसान खेतों में खाद और उर्वरकों का प्रयोग सिर्फ मृदा परीक्षण के आधार पर ही करें। उन्होंने कहा कि खाद का विवेकपूर्ण उपयोग न केवल खेती को टिकाऊ (Sustainable) बनाएगा, बल्कि किसानों पर पड़ने वाले अनावश्यक आर्थिक बोझ को भी कम करेगा।सरकार की मंशा के अनुरूप पंचायत स्तर पर बनने वाली समिति में पंचायत प्रधान अध्यक्ष होंगे, जबकि पंचायत सहायक या सचिव सचिव की भूमिका निभाएंगे। इसके अलावा कृषि विभाग के अधिकारी, प्रगतिशील किसान, पैक्स, एफपीओ और कृषि सखी या कृषि मित्र भी समिति में शामिल किए जाएंगे।
डॉ. कश्यप ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे रासायनिक खादों और कीटनाशकों का अंधाधुंध प्रयोग न करें। उन्होंने चिंता जताई कि अधिक रसायनों के इस्तेमाल से खाद्य पदार्थों में अवशेष रह जाते हैं, जिससे गंभीर बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं।उन्होंने बताया कि 10 दिसंबर को सभी पंचायतों में इन समितियों का एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा, ताकि खाद के अधिक या दुरुपयोग की पहचान की जा सके। साथ ही खाद बेचने वाली एजेंसियों की भी निगरानी होगी। अंत में उन्होंने कहा कि सब्सिडी के दुरुपयोग को रोकना और किसानों को समय पर खाद उपलब्ध कराना सरकार और कृषि विभाग की प्राथमिकता है।