नशे के दानव से संघर्ष में सन्होल पंचायत का सख्त फैसला

नशेड़ियों का होगा  सामूहिक बहिष्कार सोलन सन्होल पंचायत की प्रधान कुसुम लता के अनुसार, उनकी पंचायत  में कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय और कॉलेज हैं, जहाँ देशभर से छात्र शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। लेकिन कुछ युवा अपने साथ नशीले पदार्थों की लत भी ला रहे  हैं। यही वजह है कि नशा अब शैक्षणिक परिसरों से निकलकर गाँव की दहलीज तक पहुँच चुका है। नशे का यह दानव समाज की जड़ों को खोखला कर रहा है।  जिसके चलते वह कठोर कदम उठाने पर मजबूर है।  पंचायत ने नशा मुक्ति के लिए जो योजना बनाई है, उसमें सामाजिक दबाव को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया है। बहिष्कार की धमकी न केवल व्यक्तिगत जिम्मेदारी बल्कि सामुदायिक निगरानी को बढ़ावा देने का प्रयास है। कुसुम लता के मुताबिक, “इस फैसले का उद्देश्य डर पैदा करना नहीं, बल्कि जागरूकता फैलाना है। हम चाहते हैं कि लोग समझें कि नशा केवल व्यक्ति नहीं, पूरे परिवार और गाँव को तबाह कर देता है। सोलन  की सन्होल पंचायत ने नशे की बढ़ती लत के खिलाफ एक साहसिक और सख्त कदम उठाया है। पंचायत प्रधान कुसुम लता के नेतृत्व में यह फैसला लिया गया है कि यदि गाँव के किसी भी व्यक्ति या युवा के घर में नशा करते पाए जाने की स्थिति में उसका सामूहिक बहिष्कार किया जाएगा। इसके तहत दोषी व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का लाभ, सस्ता राशन और बीपीएल कार्ड जैसी सुविधाओं से वंचित कर दिया जाएगा।बाइट पंचायत प्रधान कुसुम लता सन्होल पंचायत का यह प्रयास न केवल हिमाचल बल्कि पूरे देश के ग्रामीण इलाकों के लिए एक उदाहरण बन सकता है। यहाँ के निवासियों से अपेक्षा की जा रही है कि वे नशे के खिलाफ इस मुहिम में सहयोग दें और युवाओं को जागरूक करें। आखिरकार, एक स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए नशा मुक्ति पहली शर्त है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *