हर इंसान अपने जीवन का एक लक्ष्य चुनता है और उस तक पहुंचने में अपनी पूरी ताकत लगा देता है. जिन्हें अपनी मंजिल मिल जाती है वे खुद को खुशनसीब मानते हैं. इसी बीच रोमन सैनी जैसे लोगों का भी नाम आता है, जिनके जीवन के बारे में जानने के बाद पता चलता है कि इन्होंने ज़िंदगी में एक नहीं बल्कि कई मुश्किल लक्ष्य निर्धारित किये और उन्हें प्राप्त भी कर लिया.
16 साल की उम्र में पास की एम्स की परीक्षा
रोमन सैनी को किसी एक सफलता के लिए नहीं जाना जाता. वह डॉक्टर भी हैं. आईएएस अधिकारी भी रहे और अब वह एक सफल एंटरप्रेन्योर भी हैं. रोमन सैनी ने मात्र 16 साल की उम्र में सबसे मुश्किल मानी जाने वाली एम्स परीक्षा पास कर अपनी पहली सफलता हासिल की थी. डॉक्टर बनने के बाद 22 साल की उम्र में उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की और आईएएस ऑफिसर बने.
हमारे देश में लाखों लोग हर साल आईएएस बनने का सपना देखते हैं, जिसमें से गिने चुने लोग ही ये सपना पूरा कर पाते हैं. आईएएस बनने वाला शख्स खुद पर पूरी ज़िंदगी ये सोच कर गर्व करता है कि उसने अपनी ज़िंदगी का सबसे बड़ा लक्ष्य पा लिया. इसके बाद करियर को लेकर शायद ही कोई असंतुष्टि उस इंसान के मन में रहती हो.
एक डॉक्टर, पूर्व आईएएस, सफल एंटरप्रेन्योर
हालांकि रोमन सैनी हमेशा से अलग रहे. यही वजह थी कि उनके लिए आईएएस बनना एक लक्ष्य नहीं बल्कि एक पड़ाव था. उन्होंने जल्द ही आईएएस के पद से इस्तीफा दे दिया. वह डॉक्टर बन चुके थे, आईएएस बनने का सपना पूरा कर चुके थे, अब बारी थी एक सफल एंटरप्रेन्योर बनने की. इसके लिए उन्होंने अनएकेडमी जैसी कंपनी खड़ी की. आज इस कंपनी का नेटवर्थ 15000 करोड़ से ज्यादा है.
UPSC में मिला 18वां रैंक
राजस्थान के रहने वाले रोमन सैनी के पिता इंजीनियर और मां गृहणी हैं. एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद रोमन ने एम्स के NDDTC में बतौर जूनियर रेजिडेंट काम किया. किसी भी युवा के लिए ये ऐसी उपलब्धि मानी जाती है, जिस पर गर्व करते हुए उम्र भर अपनी सेवाएं दी जा सकें. लेकिन रोमन ने मात्र 6 महीने में ही यह नौकरी छोड़ दी. इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की और परीक्षा पास कर मात्र 22 साल की उम्र में आईएएस अधिकारी बन गए. खास बात ये थी कि उन्होंने UPSC में पूरे देश में 18वीं रैंक प्राप्त की थी. एक आईएएस के रूप में उन्हें मध्य प्रदेश मिला, जहां वह एक कलेक्टर के तौर नियुक्त हुए.
अपने एक इंटरव्यू में रोमन सैनी ने बताया था कि 2011 में जब वह एक डॉक्टर के रूप में कुछ मेडिकल कैंप्स का दौरा कर रहे थे तब उन्हें महसूस हुआ कि दुनिया में गरीबी सबसे बुरी और खतरनाक चीज है. लोगों में उनकी सेहत, साफ-सफाई और पानी की समस्याओं को लेकर जागरूकता का अभाव था. उन्होंने कहा कि, इन समस्याओं का हल जरूरी था लेकिन मैं बतौर डॉक्टर इन समस्याओं को दूर करने में असमर्थ था. यही वो समय था जब उन्होंने सिविल सेवा में जाने का मन बनाया.
दोस्तों के साथ शुरू किया अनएकेडमी
हालांकि रोमन सैनी को आईएएस की कुर्सी भी ज्यादा दिन तक रास नहीं आई. हमेशा अपने मन की सुनने वाले रोमन ने जल्द ही पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर अनएकेडमी नाम से एक स्टार्टअप की शुरुआत की. इसका मुख्यालय बेंगलुरु में है. समय के साथ उनके स्टार्टअप ने इतनी तरक्की कर ली कि आज इस कंपनी का सालाना टर्न ओवर 15000 करोड़ से ऊपर है.
गांव-गांव तक बनाई पहुंच
जो इस नाम से अनजान हैं, उन्हें बता दें कि अनएकेडमी एक ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म है, जो युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय है. आज के समय में इस ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म ने गांव गांव तक अपनी पहुंच बना ली है. इस स्टार्टप की शुरुआत उन छात्रों को ध्यान में रख कर की गई थी जो यूपीएससी की कोचिंग तो करना चाहते हैं लेकिन इस पर होने वाले लाखों रुपये खर्च के खर्च से डरते हैं.