सोलन में रावण दहन मजाक बन कर रह गया था जिसको लेकर सोलन के व्यवसायी मुकेश गुप्ता ने रोष प्रकट किया और कहा कि आस पास के क्षेत्रों में रावण के पुतले अच्छे बनाए थे और बहुत ही अच्छी तरह से उनका दहन भी किया गया लेकिन सोलन जिला में स्थापित किए गए पुतले देख कर सभी शहर वासियों को काफी उदास होना पड़ा। क्योंकि यह पुतले स्थापित करते समय कई बार गिरे और यहाँ तक कि जगह जगह से फट चुके थे। रावण के पुतले देखने आए बच्चों को पुतलों की हालत देख कर काफी मायूस होना पड़ा।
व्यवसायी मुकेश गुप्ता ने कहा कि सोलन में बनाए गए पुतलों से खंड स्तर पर हुए आयोजन काफी बेहतर थे। सोलन में स्थापित पुतलों की स्थिति काफी दयनीय थी। जो देखने में काफी हास्यप्रद था। उन्होंने कहा कि अगर किसी भी तरह से फंड में कमी आती है तो व्यवसायी पैसा खर्च करने को तैयार रहते है। इस लिए प्रशासन को चाहिए कि वह इस बात को गंभीरता से लें और भविष्य में होने वाले दशहरे को मजाक बनने पर विराम लगाएं। उन्होंने कहा कि वर्ष में एक बार दशहरा होता है उसमें रावण के पुतले बेहद अहम होते है। लेकिन इस बार तो रावण के पुतलों को जलाने के लिए भी भारी मुशक़्क़त करनी पड़ी। पुतलों को नीचे गेर कर उसके बाद दहन किया गया।