आमतौर पर आपने इंजीनियरों को बड़ी-बड़ी कंपनियों में नौकरी करते हुए देखा होगा. अपनी प्रतिभा के लिए उन्हें सम्मानित होते हुए भी देखा होगा. मगर क्या आप किसी ऐसे इंजीनियर को जानते हैं, जो अपनी नौकरी छोड़ गंदे तालाबों की सफाई में जुटा हो. अगर नहीं, तो आपको यूपी के ग्रेटर नोएडा के डाढ़ा-डाबरा गांव में जन्मे ‘पॉन्डमैन’ के नाम से मशहूर रामवीर से मिलना चाहिए. रामवीर अब तक 30 से अधिक तालाबों को जिंदा कर चुके हैं.
‘पॉन्डमैन’ के नाम से मशहूर रामवीर कौन?
रामवीर तंवर ने एक किसान परिवार में जन्म लिया. उनकी पढ़ाई-लिखाई गांव में ही हुई. शुरु से ही वो पढ़ने में तेज थे. 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग को अपना करियर बनाया. रामवीर को बीटेक कराने के लिए उनके पिता के पास पैसे नहीं थे. ऐसे में उन्होंने अपनी जमीन बेचकर उसका दाखिला ग्रेटर नोएडा के एक कॉलेज में कराया, जहां से साल 2014 में रामवीर तंवर एक मकैनिकल इंजीनियर बनकर निकले.
इंजीनियर नौकरी छोड़ तालाबों को साफ करने में जुटा है
पढ़ाई के बाद वो नौकरी पाने में भी सफल रहे. मगर, वो अपने गांव से कभी दूर नहीं हो सके. एक समय आया, जब उनके गांव का तालाब सूखना लगा. कहने के लिए यह एक आम घटना थी, मगर इसने रामवीर को द्रवित कर दिया. दरअसल, ये वही तालाब था, जहां रामवीर ने अपने बचपन का कुछेक अच्छा वक्त बिताया था. ऐसे में अपने गांव के तालाब की दुर्दशा ने उन्हें देश के एक बड़े मुद्दे से मिलवाया.
30 से अधिक तालाबों को जिंदा कर चुके हैं रामवीर
उन्हें समझने में देरी नहीं हुई कि उनके गांव की तरह ही देशभर के गांवो में तालाब खत्म हो रहे होंगे, जोकि प्रकृति के लिए ठीक नहीं है. इस विचार के बाद ही उन्होंने नौकरी छोड़ अपने गांव में जल-संरक्षण अभियान की शुरुआत की और फिर कभी पलटकर नहीं देखा. अब तक वो 30 से अधिक तालाबों को जिंदा कर चुके हैं और पूरे इलाके में पॉन्डमैन के नाम से जाने जाते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने प्रोग्राम मन की बात में उनकी तारीफ कर चुके हैं.