क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में लगा ऑक्सीजन प्लांट इन दिनों बंद पड़ा हुआ है और अस्पताल में आए मरीजों को सिलेंडरों के माध्यम से ऑक्सीजन दी जा रही है करोड़ों की लागत से लगा ऑक्सीजन प्लांट इन दोनों सफेद हाथी बनकर रह गया है।
शहर के स्थानीय निवासियों का कहना है कि जब कोरोना कल में करोड़ों की लागत से यह ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया था तो इसे चलाया क्यों नहीं जा रहा क्या सिर्फ पैसों की बर्बादी के लिए ही इसे लगाया गया है।
स्थानीय निवासी बाबू राम चौहान का कहना अगर सिलेंडरों के माध्यम से ही ऑक्सीजन मरीजों को देनी है तो इतना बड़ा प्लांट क्यों लगाया गया और अगर स्वास्थ्य विभाग के पास इसकी रिपेयर के लिए पैसा नहीं है तो जो रोजाना ऑक्सीजन खरीदी जा रही है उसके लिए कहां से बजट आ रहा है। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार उचित स्वास्थ्य सुविधाएं देने में नाकाम साबित हो रही है उन्हें अपनी व्यवस्थाओं में सुधार करना चाहिए ताकि प्रत्येक मरीज को बेहतरीन सुविधा मिल सके।