हिमाचल प्रदेश में आयोजित होने वाली नॉर्थ इंडिया स्पोर्ट्स चैंपियनशिप का दिल्ली शिफ्ट होने पर प्रदेश के पूर्व खेल मंत्री रामलाल ठाकुर ने नाराजगी जाहिर की है. रामलाल ठाकुर का कहना है कि नॉर्थ इंडिया स्पोर्ट्स चैंपियनशिप का आयोजन हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर, सोलन व धर्मशाला में होना था मगर खेल विभाग के एडिशनल डायरेक्टर द्वारा खेल एसोसिएशन व आयोजकों से खेल मैदान व उपकरणों का किराया मांगा गया जो कि सरासर गलत है और इसकी वजह से नॉर्थ इंडिया स्पोर्ट्स चैंपियनशिप का आयोजन अब दिल्ली में होगा. वहीं रामलाल ठाकुर ने कहा कि खेल विभाग खेलों को बढ़ावा देने के लिए साईं की मदद से आधारभूत संरचना तैयार करता है और पूर्व वीरभद्र सिंह की कांग्रेस सरकार में इन खेल मैदानों व उपकरण का इस्तेमाल खिलाड़ियों को आगे बढ़ने के लिए किया जाता था मगर वर्तमान समय में खिलाड़ियों का ट्रायल लेने के लिए भी खेल विभाग मैदान से लेकर उपकरणों के लिए 10 हजार रुपये किराया वसूल रहा है व खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए भी पैसा वसूलने में लगा हुआ जिसका नतीजा है कि नार्थ लेवल की स्पोर्ट्स चैंपियनशिप का दिल्ली शिफ्ट हो जाना है. वहीं पूर्व खेल मंत्री का कहना है कि स्पोर्ट्स एथलेटिक्स एसोसिएशन के पास क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की तरह पैसा नहीं है कि खेलों कर आयोजन के लिए पैसा खर्च सके इसलिए प्रदेश सरकार को चाहिए कि एसोसिएशन से पैसा लेने के बजाए खेलों को बढ़ावा देने व खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका देने लिए खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाए और खेल विभाग के अधिकारियों द्वारा खेलों के नाम पर पैसा वसूलने के मामले का कड़ा संज्ञान लेना चाहिए. वहीं रामलाल ठाकुर ने बिलासपुर जिला के जबली में सन 1990-92 में रूरल स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए नेहरू युवा केन्द्र के माध्यम से 75 लाख रुपये खर्च कर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया था जिसकी जमीन सरकार के नाम से है और वहां नेहरू युवा केन्द्र का भवन है, जहां आजतक केवल तीन ही कैम्प लगे और हाल ही में इसकी मरम्मत पर 20 लाख रुपये खर्च किये गए थे जिसके बाद इस भवन को असुरक्षित घोषित कर दिया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि यह भवन आज की तारीख में बिल्कुल सुरक्षित है और नेहरू युवा केन्द्र को इस भवन की जरूरत नहीं है तो महिला आईटीआई को इस भवन में शिफ्ट कर देना चाहिए ताकि सरकार का लाखों रुपया बर्बाद ना हो सके और तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा इस भवन की मरम्मत पर पैसा खर्च कर केवल आठ किलोमीटर दूर जबली में महिला आईटीआई को शुरू किया जा सके ताकि जगह की कमी के चलते महिला आईटीआई की छात्राओं को आ रही परेशानी का भी समाधान हो सके और इस भवन का सदुपयोग हो सके, जिसपर सरकार को जल्द ही संज्ञान लेना चाहिए.