इंसान जीवन में हर तरह की बुरु परिस्थिति से निकल सकता है लेकिन बात जब शरीर की आती है तो इंसान की सारी हिम्मत जवाब देने लगती है. किसी दुर्घटना में अपने शरीर को बुरी तरह घायल करने के बाद बहुत बड़ी हिम्मत चाहिए होती है दोबारा अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए. इस पर अगर पहले से बड़े सपने देखे गए हों तो ऐसी स्थिति के बाद उन्हें पूरा कर पाना लगभग असंभव लगने लगता है.
हालातों से लड़कर बनीं IAS
लेकिन इंसान के हौसले अगर ऑफिसर प्रीति बेनीवाल जीतने मजबूत हो तो कठिन से कठिन चुनौती को भी पार किया जा सकता है. हरियाणा के डुपेडी गांव की रहने वाली प्रीति बेनीवाल ने एक भयानक हादसा का शिकार होने के बाद पूरी तरह से बिस्तर पकड़. 14 सर्जरी के बाद भी वो चल पाने में असमर्थ थीं. जिसके बाद उनकी शादी भी टूट गई. ऐसी परिस्थिति में बहुत से लोग अपनी किस्मत को कोसने के अलावा और कुछ नहीं कर पाते लेकिन प्रीति ने इनसे लड़ने का फैसला किया. वो लड़ी भी और जीती भी. आज प्रीति एक IAS अधिकारी हैं.
हमेशा से पढ़ने में रहीं अव्वल
प्रीति ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा अपने पड़ोस के गांव फाफदाना के एक निजी स्कूल में प्राप्त की है. इसके बाद प्रीति उन्होंने पानीपत से कक्षा 10वीं की परीक्षा पास की और उत्कृष्ट ग्रेड प्राप्त किए. फिर उन्होंने मतलौडा से अपनी कक्षा 12वीं पूरी की, जिसके बाद उन्होंने इसराना कॉलेज से बी.टेक और एम.टेक ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की. प्रीति के पिता सुरेश कुमार थर्मल प्लांट पानीपत में कार्यरत थे और उनकी मां बबिता इलाके की एक आंगनबाड़ी में काम करती थीं. M.Tech के बाद प्रीति 2013 में ग्रामीण बैंक में क्लर्क का पद प्राप्त किया. उन्होंने बहादुरगढ़ में साल 2013 से 2016 तक काम किया. हालांकि, वह इस दौरान सरकारी सेवाओं की तैयारी भी करती रहीं.
उसके बाद 2016 में वह एफसीआई (FCI) में असिस्टेंट जनरल II के पद के लिए चयनित हुईं. यहां उन्होंने करनाल में कुछ साल तक पद संभाला. जनवरी 2021 में उन्हें विदेश मंत्रालय में सहायक अनुभाग अधिकारी के पद के लिए भी चुना गया था. मीडिया रिपोर्टेस के मुताबिक, उन्होंने 2021 में दिल्ली विदेश मंत्रालय में काम करना शुरू किया था.
एक दुर्घटना ने सबकुछ छीना
दिसंबर 2016 वो समय था जब एक दिन अचानक ही प्रीति की जिंदगी में घना अंधेरा छा गया. वह एफसीआई में विभागीय पदोन्नति के लिए गाजियाबाद में एक परीक्षा देने जा रही थीं. इसी दौरान वह एक बेहद भयानक ट्रेन दुर्घटना की शिकार हो गईं. गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर अचानक पैर फिसलने से वह ट्रेन के सामने जा गिरीं. इसके बाद ट्रेन की तीन कारें उनके शरीर से होकर गुजरीं.
हिम्मत नहीं हारी और पाई सफलता
इस दुर्घटना के कारण उन्हें 14 सर्जरी के अलावा बाइपास की भी जरूरत पड़ी. इसके बावजूद वह चलने में असमर्थ थीं, उन्होंने पूरी तरह से बिस्तर पकड़ लिया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस भयानक घटना के बाद उनके पति और ससुराल वालों ने उनसे नाता तोड़ लिया और उनकी शादी टूट गई.
इतना सब होने के बावजूद प्रीति ने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने फैसला किया कि वह यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा के लिए तैयारी करेंगी. उन्होंने तैयारी शुरू कर दी, दो बार असफल भी हुईं लेकिन प्रयास जारी रखा. आखिरकार 2020 में उन्हें सफलता मिल ही गई और उन्होंने UPSC क्रैक कर लिया. उन्होंने साल 2020 में ऑल इंडिया 754वीं रैंक हासिल की थी.