पच्छाद क्षेत्र के 9 परगनों की जातर चूड़धार पहुंची। क्षेत्र के हजारों श्रद्धालु शनिवार को शिरगुल देवता की जन्म स्थली शाया से व नौहराधार से चूड़धार के लिए रवाना हुए थे। श्रद्धालुओं ने रात्रि ठहराव बंगा पाणी वैरभ व तीसरी में खुले आसमान के नीचे किया। नौहराधार क्षेत्र से पहुंचे सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने तिसरी नामक स्थान पर पारंपरिक बाध्य यंत्रों के साथ शाया से आए देवते का प्राचीन परंपरा के साथ भव्य स्वागत किया गया। चूड़धार पहुंचने के बाद शिरगुल महाराज शाया के देवते को शाही स्नान करवाया गया। उसके बाद देवता ने मंदिर की ओर प्रस्थान किया। देवता के साथ आई जातर ने मंदिर में पूजा अर्चना की। उसके बाद लगभग 12500 फुट की ऊंचाई पर स्थित शिवलिंग पर पहुंच कर श्रद्धालुओं ने शिव की प्रतिमा व शिवलिंग पर पूजा अर्चना की। शिवलिंग से लौटने के बाद एक बार श्रद्धालु फिर मंदिर पहुंचे और अराध्य देव से क्षेत्र की खुशहाली व समृद्धि के लिए अर्चना की। शिरगुल महाराज ने श्रद्धालुओं को सुख समृद्धि व खुशहाली का आशीर्वाद दिया। उसके बाद जातर देवता के साथ जातर अपने-अपने परगनों के लिए रवाना हुई।