ऑक्सीजन प्लांट बिना स्टाफ के, सोलन अस्पताल की लापरवाही पर उठे सवाल – क्या फिर खतरे की ओर बढ़ रहा है सिस्टम?

स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने के दावों के बीच क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में एक बार फिर गंभीर लापरवाही सामने आई है। अस्पताल में मौजूद ऑक्सीजन प्लांट को संचालित करने के लिए स्टाफ की तैनाती ही नहीं की गई, जिससे आपात स्थिति में बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है। हालांकि अस्पताल प्रशासन का दावा है कि सिलेंडर हर सप्ताह भरकर लाए जा रहे हैं और डिमांड में कोई बदलाव नहीं है, लेकिन क्या केवल दावा करना पर्याप्त है? पिछले कोविड अनुभवों से कुछ नहीं सीखा गया? यदि प्लांट है पर उसे चलाने वाला स्टाफ नहीं, तो यह व्यवस्था नहीं बल्कि सीधा खतरे को न्योता है। प्रशासन कब जागेगा? या फिर फिर से किसी आपातकाल का इंतज़ार है?

अस्पताल के एमएस डॉ. राकेश ने खुद माना है कि पहले जो कर्मचारी ऑक्सीजन प्लांट में तैनात थे, उन्होंने जॉइन नहीं किया है, और इस बारे में उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। सवाल ये उठता है कि बिना स्टाफ के ऑक्सीजन प्लांट कैसे सुचारू चलेगा, और अगर अचानक जरूरत बढ़ी तो क्या हालात होंगे?

BYTE एमएस डॉ. राकेश