शिमला में राजस्व मंत्री ने संबंधित अधिकारियों के साथ एक्ट को लेकर की वर्कशॉप, ट्राइबल के लोगों को मिलेगा एक्ट का फायदा, सीपीएस के पद का स्वाद चखने वाले अब इसे खट्टा कह रहे हैं, जयराम जनमत के बजाय धनबल में रखते हैं विश्वास- जगत सिंह नेगी
फॉरेस्ट राइट एक्ट 2006 के लंबित मामलों को जल्द निपटाने के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। इसके लिए अगले एक वर्ष तक जनजातीय क्षेत्रों में अधिकारी नहीं बदलने का निर्णय लिया गया है ताकि अधिकारियों को एक्ट के तहत स्पेशल ट्रेनिंग दी जाए और मामलों का निपटारा हो सके। प्रदेश में 5 से 6 हजार मामले एफआरए क्लियरेंस मे लटके पड़े हैं। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने एफआरए एक्ट 2006 के कार्यान्वयन को लेकर आज शिमला सचिवालय में संबधित अधिकारियों को कार्यशाला के दौरान निर्देश दिए।
कार्यशाला में इस कानून की बारीकियों की जानकारियां दी गई जिसमें अधिकारियों व स्थानीय निकायों , जिला परिषद व पंचायतों के प्रतिनिधीयों सहित एनजीओ के सदस्य भी शामिल हुए। जगत नेगी ने बताया कि कानून को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए अधिकारी स्तर पर होने वाली कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लाभार्थी को स्थानीय निकायों की सिफारिश पर भूमि अधिग्रहण दिया जा सकता है। जनजातीय क्षेत्रों में इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाना जरूरी है।