गाजियाबाद –जीटी रोड पर पटेल नगर-3 में बाइक सर्विस करने वाली मैकेनिक पूनम देवी श्रीराम के नाम पर 22 जनवरी तक निश्शुल्क स्कूटर, बाइक सर्विस की सेवा देंगी। पति के बीमार होने व घर की आर्थिक स्थिति खराब होने पर उन्होंने बोला था कि वह 10 दिन प्रभु श्रीराम के नाम पर सेवा करेंगी।

उनके पति फिलहाल ठीक हैं। अब उन्होंने एक बड़ा फ्लैक्स लगवाया है। जिसमें लिखा है कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में यहां सभी प्रकार के स्कूटी बाइक का सर्विस चार्ज फ्री रहेगा। पूनम का कहना है कि वह प्रभु श्रीराम के नाम पर सेवा दे रही हैं। श्रीराम के नाम से कठिन परिस्थितियों में हिम्मत मिली और अब उनका काम पहले से बेहतर चल रहा है।

पति की छूट गई नौकरी

मूल रूप से फतेहपुर के खागा गांव की रहने वाली पूनम देवी ने बताया कि वह 2012 में गाजियाबाद आए थे। उनके पति राजेश ने एक गैराज में नौकरी करते थे। 2018 में उनके पति को हड्डी गलने की बीमारी (एवैस्कुलर नेक्रोसिस) हो गई। एक हाथ ने काम करना बंद कर दिया। नौकरी छूट गई।

प्रभु श्रीराम की सेवा मे देंगी 10 दिन

कमाई का जरिया खत्म हो गया और नौ लाख कर्जा हो गया। दो बेटियां हैं, उनके पालन पोषण व शिक्षा की भी चिंता थी। पूनम का कहना है कि उस समय उन्होंने बोल दिया था कि उनके पति ठीक हो जाएं तो वह अपने 10 दिन प्रभु श्रीराम की सेवा में देंगी। इसके बाद उन्होंने पति की मदद से खुद मैकेनिक का काम सीखा था।

किसी ने खोखे में लगा दी थी आग, जिलाधिकारी ने की थी मदद पूनम देवी ने बताया कि 2020 में उन्होंने जीटी रोड पर पटेल नगर-3 में खोखा खोलकर काम शुरू किया था। मार्च 2023 में उनके खोखे में किसी ने आग लगा दी। घटना की खबर अखबार में छपी थी। जिलाधिकारी ने खबर पढ़कर पूनम देवी की मदद करते हुए खोखा मुहैया कराया था। लोगों ने भी उनकी मदद की थी।

पति की हालत में काफी सुधार

पूनम का कहना है कि जब 22 जनवरी को अयोध्या में प्रभु श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बारे में सुना तो सोचा कि प्रभु श्रीराम आ रहे हैं तो सेवा देने का इससे अच्छा अवसर नहीं हो सकता। जो वह काम कर रही हैं उसकी ही सेवा देंगी। पूनम का कहना है कि फिलहाल उनके पति की स्थिति में काफी सुधार है। काम भी बेहतर है। सर्दी में पति को परेशानी होती है तो वह खुद ही काम संभाल रही हैं।

शुरुआत में आयी थीं मुश्किल

पूनम देवी का कहना है कि शुरुआत में जब काम शुरु किया था तो लोग सोचते थे कि महिला है कैसे बाइक स्कूटर की सर्विस करेगी, लेकिन जब भी कोई एक बार काम कराता तो काम देखकर तारीफ करता और दोबारा सर्विस कराने के लिए आता। इस तरह उनका काम चल पड़ा। पूनम का कहना है कि उनकी बचपन से ही श्रीराम में श्रद्धा थी। उनकी कृपा से हिम्मत मिली और काम भी चला।