हिमाचल के गांव समृद्ध व किसान खुशहाल होंगे तभी हिमाचल निर्माता का सपना होगा साकार 

Only when the villages of Himachal will be prosperous and farmers happy will the dream of Himachal creator come true.

 

हिमाचल निर्माता डॉक्टर वाई. एस. परमार के गांव बागथन में आकर एक महान विभूति के जन्म दिवस पर दूसरी महान विभूती के जन्म स्थल पर आने का सौभाग्य मिला है यह उदगार तकनीकी शिक्षा,व्यवसायिक और ओद्योगिक प्रशिक्षण, नगर नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी ने बाल दिवस कार्यक्रम समारोह की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किये।
उन्होंने उपस्थित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य बनाने का श्रेय हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री डॉक्टर वाई. एस. परमार को जाता है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य के साथ-साथ विशेष राज्य का दर्जा भी प्रदान किया। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व हमारा कोई राज्य नहीं था हमें आज गौरव है कि हिमाचल प्रदेश में अपनी विधानसभा है और हम अपने प्रदेश का कानून स्वयं बनाते है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का प्रत्येक गांव समृद्ध होगा और किसान खुशहाल होगा तभी हम हिमाचल निर्माता के द्वारा देखे हुए सपने को साकार कर सकेंगे। प्रदेश को खुशहाली की ओर ले जाने में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू निरंतर प्रयासरत है। उनके प्रयास से अनाथ बच्चों को ‘‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’’ के रूप में अपनाया गया है, और विधवाओं के बच्चों की शिक्षा का खर्च भी सरकार वहन कर रही है। सरकार हर वर्ग के कल्याण के लिए योजनाएं बना रही है और उन्हें धरातल पर लागू कर रही है। उन्होंने कहा कि दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने वाला हिमाचल प्रदेश पहला राज्य बन गया है, जहां गाय का दूध खरीद का न्यूनतम मूल्य 45 रुपये तथा भैंस का दूध 55 रुपये प्रति लीटर खरीदा जा रहा है। इसके साथ ही प्राकृतिक खेती के गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 40 रुपये प्रति किलोग्राम तथा मक्की का रेट 30 रुपये प्रति किलोग्राम तय किया गया है। उन्होंने कहा कि मनरेगा दिहाड़ी में 60 रुपये वृद्धि कर इसे 240 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये किया है।
उन्होंने कहा कि आईटीआई स्तर पर भी कृषि व बागवानी से संबंधित कोर्स आरंभ कर दक्षता आधारित प्रशिक्षण देने की तैयारी की जा रही है । उन्होंने कहा कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में आदर्श स्वास्थ्य संस्थान खोले जा रहे हैं। तथा हमारी सरकार नए संस्थान खोलने की अपेक्षा पहले से चल रहे संस्थानो को सुदृढ करने की दिशा में कार्य कर रही है।
राजेश धर्माणी ने कहा कि हिमाचल को वर्ष, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए अक्षय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है। प्रदेश में सरकारी और निजी क्षेत्रों में सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जा रही हैं।
धर्माणी ने कहा कि वर्तमान सरकार जन सेवा की भावना से काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा पर्यटन क्षेत्र में शुरू की गई योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए एक नया तंत्र विकसित किया जा रहा है, जिससे इको-टूरिज्म प्रबंधन के लिए एक सुव्यवस्थित दृष्टिकोण सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र प्रदेश की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है और राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।
मुख्य मंत्री ने कुछ कडे फैसले भी लिए जिसका सीधा फायदा प्रदेश की जनता को हुआ है।
इससे पूर्व तकनीकी शिक्षा मंत्री ने सिरमौर जिला के सराहां में बन रहे आईटीआई भवन का निरीक्षण किया तथा लोक निर्माण विभाग को कार्य में तेजी लाने व 31 मार्च तक इसे पूर्ण करने के निर्देश दिए ।

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