613 मिनट की Sachin Tendulkar की वो मैराथन पारी, जिसने वर्ल्ड क्रिकेट को सिखाया अनुशासन का पाठ; महान कप्तान की विदाई को भुलाकर रख डाला
Sachin Tendulkar On This Day बात है साल 2004 की। जब भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में टेस्ट सीरीज का चौथा टेस्ट खेला जा रहा था। ये टेस्ट ऑस्ट्रेलियाई टीम के दिग्गज स्टीव वॉ का विदाई टेस्ट था। सभी क्रिकेटर्स की तरह स्टीव वॉ का भी ये सपना था कि वह अपने विदाई टेस्ट को बेहद ही यादगार बनाएंगे जिसकी उन्होंने पूरी कोशिश भी की।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। Sachin Tendulkar On This Day: बात है साल 2004 की। जब भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में टेस्ट सीरीज का चौथा टेस्ट खेला जा रहा था। ये टेस्ट ऑस्ट्रेलियाई टीम के दिग्गज स्टीव वॉ का विदाई टेस्ट था। सभी क्रिकेटर्स की तरह स्टीव वॉ का भी ये सपना था कि वह अपने विदाई टेस्ट को बेहद ही यादगार और खास बनाएंगे, जिसकी उन्होंने पूरी कोशिश भी की।
लेकिन भारतीय टीम के स्पिनर अनिल कुंबले और सचिन तेंदुलकर ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया और उन्हें अपना शिकार बनाया।
स्टीव वॉ (Steve Waugh) अपने विदाई टेस्ट पर शतक बनाने से चूक गए, लेकिन उनकी जगह भारतीय टीम के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने बल्ले से तहलका मचाया और ऐसी पारी खेल डाली, जिसे भूलकर भी शायद कभी कंगारू टीम भूल पाए कभी नहीं भूल पाएगी। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए याद करते है मास्टर ब्लास्टर सचिन की वो बेहद ही खास पारी को।
Sachin Tendulkar ने 613 मिनट तक बल्लेबाजी कर जड़ा था दोहरा शतक
दरअसल, साल 2004 में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थी, जहां टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के साथ टेस्ट सीरीज खेली। टेस्ट सीरीज के शुरुआती तीन टेस्ट में सचिन तेंदुलकर का बल्ला खामोश रहा था। वह बड़ा स्कोर बनाने में नाकाम रहे थे।
5 पैरियों में सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने 0,1,37,0 और 44 रन बनाए। हर पारी में वह कवर ड्राइव लगाने के चक्कर में स्पिल में कैच आउट होते रहे। इसके बाद 2 जनवरी 2004 को उन्होंने सिडनी टेस्ट मैच में ये रणनीति बनाई की वह अपीनी पारी में कवर ड्राइव नहीं लगाएंगे और उन्होंने 4 जनवरी 2004 को बिना कवर ड्राइव लगाते हुए ऐसी पारी खेली, जिसे देखकर कंगारुओं के होश उड़ गए।
बता दें कि सचिन तेंदुलकर ने पहली पारी के दौरान 613 मिनट तक 436 गेंदों का सामना करते हुए 33 चौके की मदद से 241 रन की मैराथन पारी खेली। सचिन ने इस धमाकेदारी पारी खेलकर ये साबित कर दिया था कि उनमें कितनी क्षमता है और वह अकेले के दम पर पूरी टीम की खबर ले सकते हैं। सिर्फ पहली पारी में नहीं, बल्कि दूसरी पारी में भी सचिन के बल्ले से 60 रन निकले थे।
स्टीव वॉ को अपने विदाई टेस्ट पर मिले थे गहरे जख्म
ऑस्ट्रेलियाई टीम के दिग्गज स्टीव वॉ (Steve Waugh) अपना विदाई टेस्ट खेल रहे थे, जिसमें उनके हाथों सिर्फ निराशा लगी। पहली पारी के दौरान स्टीव 40 रन ही बना पाए। इरफान पठान ने पार्थिव पटेल के हाथों उन्हें कैच आउट कर दिया था। पहली पारी में कंगारू टीम की तरफ से साइमन ने सबसे ज्यादा रन बनाए थे।
उनके बल्ले से 125 रन निकले थे। वहीं, जस्टिन ने 117 रन बनाए थे। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पहली पारी में 474 रन बनाए थे। वहीं, भारतीय टीम ने पहली पारी में सचिन के दोहरे शतक और वीवीएस लक्ष्मण के 178 रनों की आतिशी पारी के दम पर 7 विकेट के नुकसान पर 705 रन बनाए और पारी घोषित कर दी थी।
स्टीव वॉ गेंदबाजी करते हुए पहली पारी में 2 ओवर में कोई विकेट नहीं ले सके और दूसरी पारी में उन्होंने शतक जड़ने का पूरा प्रयास किया था, लेकिन 80 रन के स्कोर पर अनिल कुंबले ने सचिन तेंदुलकर के हाथों उन्हें पवेलियन भेजा। इस तरह स्टीव वॉ के अरमानों पर सचिन और कुंबले ने पानी फेरा और उन्हें गहरे जख्म दिए, जिसे वह कभी नहीं भूल सकते।