Nikesh Arora: निकेश अरोड़ा ने साल 2024 से पहले अरबपति बन गए हैं। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों में यह उपलब्धि सामने आई है। उनके नाम पहले से कई रिकॉर्ड हैं, वे गूगल के सबसे महंगे कर्मचारी भी रह चुके हैं। वर्तमान में वे साइबर सिक्योरिटी कंपनी पाओ अल्टो नेटवर्क्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।
हाइलाइट्स
- भारतीय मूल के सीईओ निकेश अरोड़ा साल 2024 के पहले अरबपति बने
- निकेश अरोड़ा के नाम पहले भी कई रिकॉर्ड दर्ज हो चुके हैं
- निकेश अरोड़ा की मौजूदा नेटवर्थ बढ़कर 12495 करोड़ रुपये हो गई है
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इसके अलावा उन्हें अवार्ड्स का भी फायदा मिल रहा है, जिससे निकेश अरोड़ा की मौजूदा नेटवर्थ बढ़कर 1.5 बिलियन डॉलर यानी करीब 12495 करोड़ रुपये हो गई है। आज भले ही 12,495 करोड़ के मालिक हैं लेकिन एक समय ऐसा भी था जब उन्हें काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा था।
सिक्योरिटी गार्ड की जॉब की
निकेश जब अमेरिका में पढ़ाई कर रहे थे तो उनके पिता ने 75 हजार रुपये दिए थे। यह पैसे काफी कम थे। ऐसे में वहां पर अपना खर्चा निकालने के लिए निकेश अलग-अलग जॉब किया करते थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूएस में पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए उन्होंने सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी से लेकर बर्गर शॉप पर सेल्समैन तक का काम किया था।
बने गूगल के सबसे महंग कर्मचारी
निकेश साल 2012 में उस वक्त चर्चा में आए, जब वो गूगल के सबसे महंगे कर्मचारी बने थे। उस वक्त गूगल ने उन्हें 51 मिलियन डॉलर का पैकेज दिया था। यह किसी भी दूसरे एग्जीक्यूटिव के मुकाबले काफी ज्यादा था। गूगल के अलावा उन्होंने सॉफ्टबैंक में भी रेकॉर्ड बनाया। साल 2014 में उन्हें सॉफ्टबैंक ने 135 मिलियन डॉलर का पैकेज दिया था। निकेश अपने सैलरी पैकेज को लेकर अक्सर चर्चाओं में रहे हैं।
गाजियाबाद से खास नाता
निकेश अरोड़ा का जन्म 9 फरवरी 1968 को हुआ था। वह यूपी के गाजियाबाद के रहने वाले हैं। निकेश के पिता एयरफोर्स में अधिकारी रैंक पर थे। निकेश ने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली में एयरफोर्स स्कूल से ही की। साल 1989 में उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय बीएचयू आईआईटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई की। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने विप्रो में जॉब से करियर की शुरुआत की। हालांकि, कुछ ही समय बाद जॉब छोड़कर आगे की पढ़ाई करने यूएस चले गए। अमेरिका के बोस्टन की नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी से उन्होंने एमबीए किया। इसके बाद साल 1992 में वहीं फिडेलिटी इंवेस्टमेंट कंपनी से जुड़ गए।