स्कूलों के छात्रों को ईको क्लब के जरिए पर्यावरण का महत्व समझाया जाएगा। बच्चों में पर्यावरण की अलख जगाने के लिए केंद्र सरकार ने ईको क्लब के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। ईको क्लब के जरिए स्कूलों में सप्ताह के एक दिन एक गतिविधि का आयोजन किया जाएगा। इसमें शिक्षक, स्कूल प्रधानाचार्य व मुख्य अध्यापकों की भूमिका भी तय की गई है।
शिमला जिला के 250 स्कूलों में ईको क्लब का गठन किया जाएगा। इसमें सरकारी और निजी दोनों स्कूल शामिल होंगे। जिन स्कूलों में ईको क्लब पहले से बने हुए हैं उन्हें और मजबूत किया जाएगा। बच्चों के लिए पर्यावरण संरक्षण संबंधी गतिविधियों को जोड़ने की पहल की जाएगी। ईको क्लब के तहत साल भर यह गतिविधियां चलाई जाएगी। इसके तहत स्कूल परिसर में अपने घर, कॉलोनी-मैदान कहीं भी पौधा लगाया जाएगा। पौधे की देखभाल का जिम्मा भी बच्चे निभाएंगे।
पर्यावरण की गतिविधियों और चुनौतियों पर करवाई जाएगी चर्चा
पर्यावरण को लेकर देश और विदेशों में चल रही गतिविधियों से बच्चों को रूबरू करवाया जाएगा। पर्यावरण के लिए क्या-क्या चुनौतियां आने वाले सालों में होगी। समय रहते हम कैसे इससे निपट सकते हैं इन सभी मुद्दों पर स्कूलों में चर्चा, भाषण और चित्रकला प्रतियोगिताएं करवाई जाएगी। हर स्कूल में बनने वाले ईको क्लब में 35 से 40 के करीब छात्रों को शामिल किया जाएगा। शिक्षक को ईको क्लब का इंचार्ज बनाया जाएगा। जबकि ईको क्लब द्वारा की जाने वाली गतिविधियों की मॉनिटरिंग स्कूल प्रधानाचार्य खुद करेंगे।
ये हैं महत्वपूर्ण बिंदु
सभी स्कूलों में ईको-क्लब अनिवार्य रूप से बनाया जाए। जहां पहले से ही क्लब अस्तित्व में हैं, उन्हें और मजबूत करने पर जोर दिया जाए। स्वच्छता अभियान के तहत ईको क्लब कार्य करेंगे। क्लब से जुड़े कार्यक्रमों में प्रारंभिक से लेकर वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के बच्चे शामिल होंगे। पर्यावरण संरक्षण के साथ स्वच्छता और जल संरक्षण के बारे में भी जागरूकता कार्यक्रम होंगे।