सामरिक व पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेलवे लाइन निर्माण कार्य तेज गति से चला हुआ है। गौरतलब है कि भानुपल्ली-बैरी रेलवे लाइन निर्माण के लिए अलग-अलग कंपनियों को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया जिनकी जिम्मेवारी टनल व पुल निर्माण रेलवे ट्रैक बिछाना है। मगर ऐसे में रेलवे लाइन निर्माण कर रही एक कांट्रेक्ट कंपनी की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है।
रेलवे निर्माण के दौरान एनजीटी के नियमों को ताक पर रखते हुए सारा मलबा गोविंद सागर झील में डंप किया गया, जिसे लेकर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड बिलासपुर के अधिकारियों द्वारा सम्बंधित कॉन्ट्रेक्ट कंपनी को नोटिस भेजा गया था और कंपनी के अधिकारियों द्वारा मलबा हटाने का आश्वासन भी दिया गया था। लेकिन अभी तक मलबा नहीं उठाया गया।
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों द्वारा फील्ड रिपोर्ट व एनजीटी द्वारा आधारित फॉर्मूले के अनुसार सम्बंधित कंपनी पर 29 लाख 25 हजार रुपए की जुर्माना रिपोर्ट बनाकर मेंबर सेक्टरी को भेजा गया है। इस बात की जानकारी देते हुए हिमाचल प्रदेश स्टेट प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड बिलासपुर के पर्यावरण अभियंता अतुल परमार ने कहा कि एनजीटी के आदेशानुसार सरकारी व निजी किसी भी क्षेत्र में होने वाले निर्माण कार्य के बाद गोविंद सागर झील तट किनारे या झील में मिट्टी व मलबा फेंकना सरासर गलत है जिसके मद्देनजर रेलवे लाइन निर्माण कॉन्ट्रेक्टर कंपनी के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई अमल में लाई जाने की बात कही है।