संपन्न घरों में बच्चों की पढ़ाई पर बहुत खर्चा किया जाता है. अच्छे स्कूल से लेकर महंगी कोचिंग तक उपलब्ध कराने की कोशिश करते हैं माता-पिता. लेकिन कई ऐसे भी छात्र हैं जिन्हें ये तक मालूम नहीं होता कि इस महीने वो अपनी फीस भर पाएंगे कि नहीं. इन्हें अपनी शिक्षा को बचाने के लिए भी एक लड़ाई लड़नी पड़ती है. जहां इनका सबसे बड़ा हथियार होता है इनकी मेहनत और इच्छाशक्ति.
जिन बच्चों के लिए जीवन का हर एक दिन संघर्ष है उनका विपरीत परिस्थितियों से लड़कर सफलता पा जाना हम सबको प्रेरित करता है. NEET UG 2023 Result आने के बाद ऐसी कई प्रेरक कहानियां सामने आई हैं. ये कहानियां उनके लिए बल हैं जो बुरे हालातों के आगे घुटने टेकने का मन बना रहे हैं.
तो चलिए जानते हैं ऐसे कुछ छात्रों की कहानी जिनका NEET क्लियर करना ऐसी उपलब्धि है जैसे हाथों से पहाड़ तोड़ कर रास्ता बना देना :
1. मिस्बाह- पंचर बनाने वाले पिता की बेटी
मिस्बाह के पिता अनवर खान एक पंचर की दुकान पर काम करते हैं. वो मोटरसाइकिल पंक्चर बना कर घर का गुजारा बड़ी मुश्किल से चला पाते हैं. वहीं उनकी मां एक गृहणी हैं. घर की आर्थिक स्थिति बेहद खराब होने के बावजूद मिस्बाह ने इन बातों पर ध्यान दिए बिना मेहनत की और दूसरे प्रयास में नीट की परीक्षा में कामयाबी हासिल कर ली. नीट परीक्षा में 720 में से 633 नंबर स्कोर करने वाली मिस्बाह अब MBBS कर के डॉक्टर बनने का सपना पूरा करेंगी.
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2. प्रेरणा- नहीं रहे पिता
2018 में प्रेरणा दसवीं क्लास में पढ़ रही थीं, उसी साल उनके पिता बृजराज सिंह की कैंसर के कारण मौत हो गई. पिता की मौत के बाद मकान का 27 लाख का लोन परिवार के ऊपर था. उनकी मां ने जैसे तैसे रिश्तेदारों की मदद लेकर घर चलाया. इस बीच प्रेरणा अपनी तैयारी में जुटी रहीं. कोटा के महावीर नगर में रहने वाली प्रेरणा ने जीवन की तमाम परेशानियों को अनदेखा कर तैयारी की और NEET UG में 686 नंबर हासिल कर सरकारी मेडिकल कॉलेज में अपनी सीट पक्की कर ली है.
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3. हेमंत- राजमिस्त्री पिता का बेटा
महोबा जिले में कस्बा श्रीनगर के हेमंत अहिरवार के पिता रविंद्र अहिरवार राजमिस्त्री हैं. एक पिता के लिए इससे बढ़कर खुशी क्या ही हो सकती है कि बेटे ने उनकी दिन रात की मेहनत के बदले आज इतनी बड़ी सफलता पा ली है. हेमंत अब एमबीबीएस की पढ़ाई कर डॉक्टर बनेंगे. महोबा के मोहल्ला बांसपहाड़िया निवासी राजमिस्त्री रविंद्र अहिरवार के पुत्र हेमंत अहिरवार ने नीट परीक्षा पास करने जैसी कठिन सफलता अपने पहले ही प्रयास में पाई है. उन्हें नीट की परीक्षा 720 में से 557 अंक प्राप्त हुए हैं.
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4. नेहा- पिता हैं मजदूर
अलवर की रहने वाली नेहा के लिए भी नीट क्रैक करना आसान नहीं था. उनके नरेगा मजदूर पिता ने कई तरह के प्रयास कर उन्हें पढ़ाया. अब नेहा ने अपने पिता को उनकी मेहनत का फल NEET क्रैक कर के दिया है. नेहा की ऑल इंडिया 3745 रैंक आई है और कैटेगरी वाइज उन्होंने 1215वीं रैंक प्राप्त की है. ये सफलता उन्होंने तीसरे प्रयास में हासिल की है.
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5. उमर अहमद गनी- मजदूरी कर की पढ़ाई
पुलवामा जिले के जग्गीगाम गांव के एक गरीब परिवार में जन्में उमर के पिता एक आरा मजदूर हैं. उनके भाई भी मजदूरी करते हैं. परिवार के भरण-पोषण और अपनी पढ़ाई के लिए उमर अहमद गनी ने भी रंगाई-पुताई का काम करना शुरू कर दिया.
वह पढ़ लिखकर कुछ बड़ा करना चाहते थे. परिवार ने भी उनका बहुत सपोर्ट किया. कोचिंग की फीस देने के पैसे नहीं थे. ऑनलाइन पढ़ाई के लिए मोबाइल भी नहीं था. पेंटिंग करके NEET के एग्जाम की तैयारी के लिए एक सेल फोन खरीदा. उमर दिन में मजदूरी करते और रात में पढ़ाई करते थे. अपनी इसी मेहनत के दम पर उमर ने NEET की परीक्षा में 601 अंक लाकर परिवार का नाम रोशन कर दिया है. डॉक्टर बनने का उनका सपना अब जल्द ही पूरा हो जाएगा.
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6. विभु- गंगा आरती करने वाला लड़का
विभु बदायूं के कछला गंगाघाट पर होने वाली गंगा आरती में हिस्सा लेते रहे हैं. उनका कहना है कि इससे उनके मन को शांति मिलती है. नित्य गंगा आरती करने वाले विभु ने पहले ही प्रयास में 720 अंकों में 622 अंक प्राप्त किए हैं. विभु ने इसका श्रेय गंगा मैया को दिया. बदायूं के कछला गंगाघाट पर 15 जनवरी 2019 से नियमित गंगा आरती की शुरुआत हुई थी. विभु तभी से यहां रोज गंगा आरती करते थे.
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7. आरती- पिता हैं ट्रक मैकेनिक
ट्रक मकैनिक बिशम्भर झा की 21 वर्षीय बेटी आरती झा ने नीट-यूजी की परीक्षा में देश भर में 192वां स्थान हासिल किया है. पिता की मेहनत और आरती की पढ़ाई के प्रति लगन के कारण ही उन्हें ये सफलता मिली है. आरती अपनी पढ़ाई और नीट की तैयारी को लेकर इतनी जुनूनी थीं कि तैयारी के समय कहीं उन्हें नींद ना आ जाए और पढ़ाई में वो पीछे ना रह जाए इस डर से वह गर्मियों में भी पंखा बंद करके पढ़ती थीं. आरती के परिवार के लिए ये बेहद खुशी का मौका है क्योंकि उनके पूरे परिवार में आरती सबसे पहली डॉक्टर बनेगी.