चुनाव प्रचार के दौरान वायु तथा ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी

ज़िला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त मनमोहन शर्मा ने लोकसभा चुनाव-2024 के दृष्टिगत आदर्श आचार संहिता की अनुपालना सुनिश्चित करने के साथ ही वायु तथा ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण को लेकर भी राजनीतिक दलों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस बारे में सभी सहायक रिर्टनिंग अधिकारी एवं पुलिस विभाग को इन दिशा-निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करवाने को कहा गया है।
उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान गाड़ियों के बड़े काफिले के साथ चुनावी रैलियां आयोजित की जाती हैं। इस प्रकार के प्रदर्शन से आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की सम्भावना बनी रहती है, वहीं पर्यावरण भी प्रदूषित होता है और जन जीवन पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसके अतिरिक्त लाऊड स्पीकरों व ध्वनि विस्तार के अन्य साधनों के अधिकतम प्रयोग से भी आम जनमानस की शांति भंग होती है। उन्होंने कहा कि गाड़ियों व ध्वनि विस्तार के प्रदूषण से विशेषकर स्कूल जाने वाले बच्चों व बीमार व्यक्तियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
उन्होंने सभी सहायक रिटर्निंग अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह अपने क्षेत्रों में  आदर्श आचार संहिता के दिशा-निर्देशों की अनुपालना के लिए गठित समिति में इस तरह के प्रदूषण और उससे होने वाली परेशानियों के बारे में राजनीतिक दलों को अवगत करवाएं।  साथ ही वह राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार के दौरान इस्तेमाल होने वाले वाहनों और लाऊड स्पीकर के उचित प्रयोग के लिए प्रेरित करें, ताकि किसी भी प्रकार के प्रदूषण पर नियंत्रण किया जा सके।
ज़िला निर्वाचन अधिकारी ने पुलिस विभाग को भी निर्देश दिए कि वाहनों की प्रदूषण से सम्बन्धित नियमित जांच करें तथा उनके पास इससे सम्बन्धित आवश्यक प्रमाण पत्र इत्यादि की भी जांच करें। प्रमाण पत्र न पाए जाने पर नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाई जाए। उन्होंने कहा कि लाऊड स्पीकरों का दुरुपयोग करने वालों के साथ कानून के अंतर्गत कार्यवाही की जा सकती है। उन्होंने सभी सहायक रिटर्निंग अधिकारियों तथा पुलिस विभाग से भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों तथा स्थानीय कानून के प्रावधानों के अंतर्गत प्रदूषण नियंत्रित करने के उपाय सुनिश्चित करने को कहा है।