दिल्ली में आयोजित नेशनल स्कूल गेम्स (National School Games) में भारतोलन प्रतियोगिता (weight lifting competition) के 76 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक जीतकर देश भर में प्रदेश का मान बढ़ाने वाली उपमंडल गगरेट के अंबोटा की बेटी प्रज्ञा शर्मा रविवार को पदक के साथ गांव पहुंची। गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने इस बेटी का गर्मजोशी से इस्तकबाल (welcome) किया। 76 किलोग्राम भार वर्ग में नेशनल स्तर (national level) पर कांस्य पदक जीतकर प्रज्ञा शर्मा ने साबित कर दिया कि सुविधाओं की कमी के बीच भी अगर कुछ कर गुजरने का जज्बा हो, तो पांव खुद व खुद मंजिल तक पहुंच ही जाते हैं। भारतोलन की अभी बारीकियां सीख रही प्रज्ञा शर्मा का सपना ओलंपिक खेलों (Olympic games) में भारत को मैडल दिलाना है।
प्रज्ञा के पिता जो खुद शारीरिक शिक्षक (Physical Education Teacher) हैं, उन्होंने बेटी का हौसला बढ़ाया और प्रज्ञा को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। भारतोलन (weighting) की कोच रजनी बाला के कुशल मार्गदर्शन में भारतोलन की बारीकियां सीख रही प्रज्ञा ने सिर्फ और सिर्फ खेल के लिए अपने गांव के स्कूल को छोड़कर रोजाना अठारह किलोमीटर का सफर तय कर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल मरवाड़ी में दाखिला लेने को तरजीह दी। यहां शिक्षा के साथ-साथ प्रज्ञा भारतोलन की प्रैक्टिस (Practice) भी करती है।
मौजूदा समय में दस जमा दो की छात्रा प्रज्ञा शर्मा दस जमा दो के बाद ऐसे संस्थान की तलाश में है, जहां उसे भारतोलन के और गुर मिल सकें। प्रज्ञा ने कहा कि उसका लक्ष्य ओलंपिक खेलों में भारत के लिए मैडल जीतकर अंबोटा गांव का नाम विश्व पटल (world map) पर ऊंचा करना है।
रविवार को अपने पैतृक गांव पहुंचने पर ग्राम पंचायत प्रधान सरदार जगजीत सिंह के नेतृत्व में गांववासियों ने इस वेटलिफ्टर बेटी को फूलों से लाद दिया और लड्डू बांटकर खुशी का इजहार किया। इस दौरान जिला परिषद सदस्य सुशील कालिया, कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के निदेशक पवन नम्बरदार, पूर्व जिला परिषद सदस्य अश्विनी ठाकुर, सेवानिवृत टीओ मोहिंदर सिंह, शारीरिक शिक्षक टेक चंद जसवाल, ग्राम पंचायत उपप्रधान रमन ठाकुर, वार्ड पंच राजिंदर सिंह कालू व राजेश ठाकुर मौजूद रहे।