भ्र्ष्टाचार का ऐसा नमूना शायद ही कभी किसी ने ही देखा होगा, हैरानी की बात तो यह है कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की संलिप्तता से भ्रष्टाचार को खूब अंजाम दिया जा रहा है, जनता के टैक्स के पैसों को डकारने का कंपनी और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकार ने नायाब तरीका ढूंढ निकाला है।
दरअसल राष्ट्रीय राजमार्ग 707 फेज 3 का कार्य कर रही HES इंफ्रा की सबलेट कम्पनी रुधनव इंफ्रा द्वारा शीरी क्यारी के नाइल खड्ड मे एक ऐसी पुलिया बनाई गई है, जिसे देख इंजीनियरिंग के मायने ही बदल जाते हैं, अधिक भ्रष्टाचार करने के लिए यहां पुराना पुल तोड़कर नई पुलिया बनाने की जगह पुरानी पुलिया में ही कुछ हिस्सा नया जोड़ दिया गया है।
राष्ट्रीय राजमार्ग 707 के तहत नायल खड्ड में बनी इस पुलिया की आधुनिक तकनीक खूब सुर्खियां बटोर रही है, हर व्यक्ति इस पुलिया निर्माण में भ्र्ष्टाचार को देख हैरान हैं। आधुनिक समय में ऐसी पुलिया यूपी बिहार में भी शायद ही बनती हो। पुलिया निर्माण में भारी भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। पुलिया निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप हम नहीं लगा रहे हैं, यह तस्वीर भ्रष्टाचार की कहानी खुद कह रही है। पुलिया और तसबीरें देख कर हर कोई हैरान है। मगर निर्माता कंपनी और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी जेब गर्म कर आगे बढ़ गए हैं। यहां नई पुलिया का बजट मिलीभगत कर डकार दिया गया है और पुरानी पुलिया में ही छोटा सा नया हिस्सा जोड़कर बजट की बंदर बांट कर दी गई है। मौके पर खड़ी पुलिया की यह तसबीरें और स्थानीय लोग इस मामले में बड़े भ्रष्टाचार और मिलीभगत के आरोप लगा रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि इस संबंध में अभी तक किसी जिम्मेदार विभाग ने निर्माता कंपनी के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया है। लिहाजा मामले में अन्य जिम्मेदार विभागों की संलिप्त से भी इनकार नहीं किया जा रहा है। सवाल यह भी उठ रहे हैं कि आखिर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और वर्ल्ड बैंक के विशेषज्ञों को खुला भ्रष्टाचार नजर क्यों नहीं आ रहा है ? क्या इसमें एनएचएआई, मोर्थ और वर्ल्ड बैंक के अधिकारियों की भी मिलीभगत है ? निर्माण पर सवाल उठा रहे लोगों की विडंबना यह है कि जब जिम्मेदार विभाग ही आंखें बंद किए हुए हैं तो निर्माता कंपनी के खिलाफ कार्यवाही कैसे संभव होगी।
क्षेत्रीय लोगों की माने तो क्षैत्र में रुधनव इन्फ्रा कंपनी का कार्य घटिया है। इस कम्पनी ने सरेआम नियमों को ताक पर रखकर पहाड़ों पर ब्लास्टिंग की है। और नदी, नालों सहित लोगों की घासनीयों में जबरदस्ती करके मलबे के ढेर लगा दिए है। पहाड़ों पर मार्ग में आने वाले सभी पेयजल सोर्स को बंद कर दिया गया है। क्षेत्र की हरी भरी वनस्पति को भारी नुकसान पहुंचाया गया है। हजारों बीघा उपजाऊ भूमि पर मार्ग का मलबा फेंका गया है। बावजूद उसके HN707 की हालत दयनीय बनी हुई है।