Narak Chaturdashi 2023 Date And Time: नरक चतुर्दशी का त्योहार दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है. यह पर्व कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दसी को आता है जिसे छोटी दिवाली भी कहते हैं. यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. साल 2023 में नरक चौदस का पर्व 12 नवंबर रविवार को मनाया जा रहा है.
हालांकि, काली चौदस का त्योहार 11 नवंबर 2023 शनिवार को मनाया जाएगा. हर साल की तरह इस साल भी नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) की तारीख को लेकर कन्फ्यूज़न बनी हुई है. 11 नवंबर या 12 नवंबर दोनों में से किस दिन नरक चतुर्दशी यानि छोटी दिवाली मनाई जाएगी हम आपको इस लेख में बताने जा रहे हैं.
कब है नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली 2023? (When Is Narak Chaturdashi 2023)
नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली, नरक चौदस, रूप चौदस और काली चौदस भी कहा जाता है और यह दिवाली से ठीक एक दिन पहले मनाई जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को यह त्योहार मनाया जाता है और अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से यह अक्टूबर या नवंबर में पड़ता है. वहीं साल 2023 में नरक चतुर्दशी का त्योहार दिवाली के साथ ही 12 नवंबर, रविवार को मनाया जाएगा. हालांकि काली चौदस 11 नवंबर 2023 शनिवार को है.
दिवाली के एक दिन पहले नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है और इस दिन यमराज के लिए शाम को दीपदान का प्रावधान है. यह पंच दिवसीय दिपोत्सव का दूसरा दिन होता है. यह धनतेरस के दूसरे दिन मनाया जाता है. इसके अलावा नरक चतुर्दशी यानि छोटी दिवाली के दिन कृष्णा पूजा और काली पूजा की भी अपना अलग महत्व है.
नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली 2023 शुभ मुहूर्त, पूजन का समय (Narak Chaturdashi 2023 Date, Muhurat, Puja Date, Time)
नरक चतुर्दशी | रविवार, नवम्बर 12, 2023 |
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अभ्यंग स्नान मुहूर्त | 05:21 ए एम से 06:32 ए एम |
अवधि | 01 घण्टा 11 मिनट्स |
नरक चतुर्दशी के दिन सूर्योदय का समय | 06:32 ए एम, 12 नवंबर 2023 |
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ | नवम्बर 11, 2023 को 01:57 पी एम बजे |
चतुर्दशी तिथि समाप्त | नवम्बर 12, 2023 को 02:44 पी एम बजे |
काली चौदस | शनिवार, नवम्बर 11, 2023 |
काली चौदस मुहूर्त | 11:39 पी एम से 12:30 ए एम, नवम्बर 12 |
हनुमान पूजा | शनिवार, नवम्बर 11, 2023 |
नरक चतुर्दशी के दिन चंद्रोदय का समय | शाम 6:18 पी एम, 12 नवंबर 2023 |
अमावस्या तिथि प्रारम्भ | नवम्बर 12, 2023 को 02:44 पी एम बजे |
अमावस्या तिथि समाप्त | नवम्बर 13, 2023 को 02:56 पी एम बजे |
नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली पूजा का महत्व (Significance Of Narak Chaturdashi 2023)
पौराणिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को राक्षस नरकासुर का वध श्रीकृष्ण और सत्यभामा ने किया था. कहा जाता है कि नरक धरती माता का बेटा था और उसे अपनी ही मां के हाथों से मरने का श्राप मिला था. कहा जाता है कि इस दिन लोग तेल और उबटन से स्नान करते हैं.
नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली (Choti Diwali 2023) भी कहा जाता है और यह भारत के विभिन्न हिस्सों में मनाई जाती है. छोटी दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है और घर को रंगोली और झालरों से सजाया जाता है.
इसके अलावा नरक चतुर्दशी के काली चौदस भी कहा जाता है. देश के पूर्वी हिस्सों में काली पूजा की जाती है. लोग सुबह जल्दी उठकर सुंगधित तेल से स्नान करते हैं. घर में तेल के दीपक जलाए जाते हैं और महिलाएं पुरुषों की आरती करती हैं. नरक चतुदर्शी के दिन लोग लड्डू, चकली, शक्करपारा, बादाम हलवा और पोहा बनाती हैं. वहीं दक्षिण भारत में नरक चौदस के दिन करीता नामक कड़वे बेर को पेरों के नीचे कुचलते हैं,जो नरकासुर के वध का प्रतीक है.
नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली की पौराणिक कथा (History Of Narak Chaturdashi 2023)
पौराणिक कथानुसार, नरकासुर नाम का एक राक्षस था और उसे श्राप मिला था कि उसका वध स्त्री के हाथों से ही हो सकता था. नरकासुर ने देवताओं ओर ऋषि-मुनिया के साथ 16,100 महिलाओं को बंधक बना लिया था. इसके बाद सभी लोग श्रीकृष्ण की शरण में गए थे. तब कृष्ण जी ने अपनी पत्नी सत्यभामा की मदद ली और नरकासुर का वध कर दिया. इसके बाद उन्होंने 16,100 राजकुमारियों को आजाद कराया और उन सभी से विवाह कर लिया.
दूसरी कथानुसार, रंतिदेव का नाम का धर्मात्मा राजा था और उसने कभी भी अनजाने में भी कोई पापा नहीं किया था. जब उसकी मृत्यु हुई तो उसे यमदूत नरक ले जाने के लिए आए. इस पर राजा ने कहा कि आप मुझे नरक क्यों ले जा रहे हैं, मैंने तो आजतक कोई पाप नहीं किया. इस पर यमदूत ने कहा कि हे राजन, एक बार आपके द्वारा एक गरीब ब्राह्मण आया था और वह भूखा लौट गया था. यह वहीं पाप कर्म का फल है. इस पर राजा ने यमदूत से 1 साल का समय मांगा और यमदूत ने यमराज से पूछकर उसे 1 साल का वक्त दे दिया.
इसके बाद राजा ऋषियों के पास पहुंचा और उन्हें सारी आपबीती सुनाई. इस पर ऋषियों ने कहा कि तुम कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को व्रत रखो और ब्राह्मणों को भोजन कराओ और अपनी गलती का प्रायश्चित करो. राजा ने वैसा ही किया और वह पापमुक्त हो गया. जब उसकी दुबारा मृत्यु हुई तो वह नरक की जगह स्वर्ग पहुंचा.
नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली के दिन यमराज को दीपदान क्यों दिया जाता है?
दिवाली से एक दिन यानि नरक चतुर्दशी के दिन अकाल मृत्यु से बचने के लिए यमराज की पूजा की जाती है. मान्यता है कि नरक चतुर्दशी के दिन घर के दक्षिण दिशा में यम देवता के नाम का दीपक जलाया जाता है. यम का दीपक एक मुखी होता है और इसे सरसों के तेल से जलाते हैं. यमराज को दीपदान गोधुली बेला में दिया जाता है.
नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली पर अनुष्ठान और परंपराएं (Narak Chaturdashi 2023 Rituals)
1. गोवा या पूर्वी भारत में नरक चतुर्दशी के दिन नरकासुर के कागज के बने पुतले को जलाया जाता है. सुबह लगभग 4 बजे इन पुतलों को जलाकर जल में प्रवाहित किया जाता है. फिर बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न पटाखे फोड़कर किया जाता है.
2. उत्तर भारत में नरक चौदस के दिन एक विशेष उबटन तैयार किया जाता है जो बेसन, दूध, केसर, तेल, चंदन, हल्दी का पेस्ट होता है. इस उबटन को पूरे शरीर में मला जाता है और फिर शाम को शरीर से उतारे गए उबटन को आग में डाल दिया जाता है.
3. बंगाल या पूर्वी भारत में कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को काली चौदस (kali chaudas 2023) के रूप में मनाते हैं. इस दिन देवी काली की विशाल मूर्तियों को पंडाल में स्थापित किया जाता है और धूमधाम से उनकी पूजा की जाती है.
4. महाराष्ट में सुबह जल्दी उठकर अभ्यंक स्नान किया जाता है.
5. नरक चतुर्दशी के दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाती है. इस दिन हनुमान जी की पूजा करने का प्रावधान है और लोग हनुमान चालीसा, हनुमानाष्टक का पाट करते हैं. कहा जाता है कि हनुमान जयंती का विवरण वाल्मीकि रामायण में मिलता है. हालांकि देश में दो बार हनुमान जयंती मनाई जाती है.
नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली पूजा विधि (Narak Chaturdashi 2023 Puja Vidhi)
1. नरक चतुर्दशी के दिन शरीर पर उबटन लगाकर तिल और तेल से नहाया जाता है.
2. सुबह स्नानादि के बाद दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके खड़े हो जाएं और एक थाली में खील-बताशे, धूप, लोटे में पानी, सरसों के तेल वाला दीपक, चने की दाल और 1 रुपये रख लें. फिर दीपक जलाकर ऊं धूमं धूमं धूमावती स्वाहा मंत्र का जाप करें.
3. इसके बाद घर के मंदिर को साफ करके यम देव श्री कृष्ण, काली माता, भगवान शिव, हनुमान जी और विष्णु जी के वामन रूप की पूजा करें.
4. शाम के समय घर के मेनगेट पर यमराज के नाम का दीपक जलाकर रखें.
5. घर के मुख्य द्वार पर दीपक रखने के बाद एक गरीब व्यक्ति को दीपदान करें.
6. नरक चतुर्दशी की रात में अपने घर के बेकार सामान बाहर निकाल दें.
नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली पर किस मंत्र का जाप करना चाहिए? (Narak Chaturdashi 2023 Pujan Mantra)
यमाय नम: यमम् तर्पयामि
ॐ यमाय नम:
ॐ धर्मराजाय नम:
ॐ मृत्यवे नम:
ॐ अन्तकाय नम:
ॐ वैवस्वताय नम:
ॐ कालाय नम:
ॐ सर्वभूतक्षयाय नम:
ॐ औदुम्बराय नम:
ॐ दध्राय नम:
ॐ नीलाय नम:
ॐ परमेष्ठिने नम:
ॐ वृकोदराय नम:
ॐ चित्राय नम:
ॐ चित्रगुप्ताय नम:
मृत्युना पाश्हस्तेन कालेन भार्यया सह।
त्रयोदश्यां दीपदानात्सूर्यज: प्रीतयाममिति।।
यमाय धर्मराजाय मृत्यवे चांतकाय च, वैवस्वताय कालाय सर्वभूतक्षयाय च।
औदुम्बराय दध्नाय नीलाय परमेष्ठिने, व्रकोदराय चित्राय चित्रगुप्ताय वै नम:।।
नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली को क्यों जलाते हैं 14 दीपक?
ज्योतिष के मुताबिक, नरक चतुर्दशी के दिन अगर घर की महिलाएं 14 मिट्टी के दीपक जलाती हैं तो नरक की यातनाओं से मुक्ति मिल सकती है. हालांकि घर के अंदर लौटते समय पीछे पलटकर ना देखें. ऐसा करने से पूजा अधूरी मानी जाती है.
1. पहला दीपक सरसों का तेल डालकर घर के बाहर दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके कूड़े के ढेर के पास रख दें.
2. दूसरे दीपक को घी से जलाकर सुनसान मंदिर में जाकर रख दें.
3. दीपक दीपक को माता लक्ष्मी के सामने जलाएं
4. चौथे दीपक को माता तुलसी के नीचे जलाकर रखे दें.
5. पांचवें दीपक को घर के मेनगेट पर रख दे.
6. छठे दीपक को पीपल के पेड़ के नीचे रख दें.
7. सातवें दीपक को किसी मंदिर में जलाकर रख दें.
8. आठवें दीपक को कूड़ा कचरा वाली जगह पर रख दें.
9. नौवें दीपक को बाथरूम में जलाकर रख दें.
10. 10वें दीपक को घर की छत की मुंडेर पर रख दें.
11. ग्यारहवें दीपक को घर की छत पर जलाकर रख दें.
12. बाहरवें दीपक को घर की खिड़की पर जलाकर रख दें.
13. तेरहवें दीपक को घर की सीढ़ियों पर जलाकर रख दें.
14. चौदहवें दीपक को रसोई में जलाकर रख दें.
नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली पर किन 6 देवों की पूजा की जाती है?
1. वामन देवता की पूजा
पौराणिक कथानुसार राजा बलि सबसे उदार राजाओं में से एक थे और उन्होंने इसके लिए बहुत प्रसिद्धि पाई थी. हालांकि प्रसिद्धि की वजह से वह अहंकारी बन गए थे. उनके पास आने वाले लोग जब भीग मांगते तो वह उनका अपमान करने लगते थे. एक दिन श्रीविष्णु ने राजा को सबक सिखाने के लिए बौने के भेष में वामन अवतार लिया. उन्होंने राजा बलि से भिक्षा मांगी तो उन्होंने कहा कि आपको जो चाहिए वो मांग लीजिए. तब भगवान वामन ने तीन पग के बराबर भूमि मांग ली. पहले पंग में भगवान ने सारी धरती नाप ली, दूसरे पग में सारा स्वर्ग नाप लिया. जब तीसरे पग को रखने की बारी आई तो उन्होंने बलि से पूछा की तीसरा पग कहां रखना है. तब राजा बलि ने विनम्रता से अपना सिर नीचे करते हुए कहा कि अपना अंतिम पग आप मेरे सिर पर रख दीजिए, ताकि मुझे मोक्ष प्राप्त हो सके.
2. हनुमान जी की पूजा
वाल्मीकि रामायण में उल्लेख है कि हनुमान जी का जन्म कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन हुआ था और इस दिन हनुमान जी की पूजा की जाती है.
3. श्रीकृष्ण की पूजा
नरक चतुर्दशी के दिन कृ्ष्ण भगवान ने नरकासुर का वध किया था. इसलिए छोटी दिवाली के दिन भगवान कृष्ण और सत्यभामा की पूजा की जाती है.
4. यम देवता की पूजा
अकाल मृत्यु से मुक्ति पाने के लिए नरक चौदस के दिन यमराज की पूजा की जाती है और शाम के समय घर में दीपक जलाया जाता है.
5. शिव जी की पूजा
कई जगहों पर नरक चतुर्दशी के दिन शिव चतुर्दशी मनाई जाती है और इस दिन शिव-पार्वती की पूजा की जाती है.
6. काली माता की पूजा
बंगाल में काली चौदस के दिन काली मां की पूजा की जाती है.
नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली पर अभ्यंग स्नान का क्या है?
नरक चतुर्दशी के दिन अभ्यंग स्नान का अपना ही अलग महत्व है. कहा जाता है जब श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था उसके बाद उन्होंने तेल से स्नान करके शरीर को शुद्ध किया था. अभ्यंग स्नान में शरीर पर उबटन और तेल लगाकर स्नान किया जाता है. नरक चौदस की सुबह शरीर पर तेल का तेल लगाकर मालिश की जाती है. इसके बाद चिरचिरा को सिर के ऊपर तीन बार घुमाया जाता है. फिर उबटन लगाकर चिरचिरा को जल में मिलाकर स्नान कर लिया जाता है.
नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली के दिन क्या नहीं करना चाहिए?
1. नरक चतुर्दशी के दिन सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए ऐसा करने से लक्ष्मी मां नाराज हो जाती हैं.
2. नरक चौदस के दिन घर के बंद करके नहीं जाना चाहिए.
3. नरक चतुर्दशी के दिन मांस-मदिरा का सेवन करने से बचना चाहिए.
4. इस दिन भूलकर भी झाड़ू को पैर से नहीं मारना चाहिए बल्कि रात में झाड़ू को बाहर फेंक देना चाहिए.
5. नरक चौदस के दिन लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए.
6. नरक चतुर्दशी के दिन घर में गंदगी नहीं फैलानी चाहिए वरना यमराज नराज हो जाते हैं.
7. नरक चौदस के दिन तेल का दान नहीं करना चाहिए.
नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली के दिन क्या करना चाहिए?
1. नरक चतुर्दशी के दिन अपने घर को साफ-सुथरा रखना चाहिए और घर से कबाड़ को हटा देना चाहिए.
2. नरक चौदस के दिन स्नान से पहले तिल के तेल से शरीर की मालिश करना चाहिए.
3. शरीर पर उबटन लगाना चाहिए ताकि सभी रोग दूर हो जाएं.
4. नहाने के बाद वस्त्र धारण करके माथे पर तिलक लगाकर दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके पूजा करनी चाहिए.
5. यमराज के प्रसन्ना करने के लिए एक लोटे में पानी लेकर उसमें तिल डालकर दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके अर्घ्य देना चाहिए.
6. नरक चौदसके दिन 14 दीपक जलाने चाहिए.
Frequently Asked Questions Related to Narak Chaturdashi
1. नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली पर दीया कहां रखें?
नरक चतुर्दशी के दिन घर की नाली पर एक सरसों के तेल का दीपक जलाकर रखना चाहिए.
2. क्या दिवाली और नरक चतुर्दशी एक ही है?
नरक चतु्र्दशी दिवाली के एक दिन पहले मनाई जाती है लेकिन साल 2023 में दिवाली और नरक चौदस एक ही दिन पड़ रहा है. 12 नवंबर 2023 रविवार को दोनों त्योहार मनाए जाएंगे.
3. क्या हम यमराज की पूजा कर सकते हैं?
साल में केवल नरक चौदस का दिन ऐसा है जब आप यमराज की पूजा कर सकते हैं.
4. 2023 से लेकर 2030 तक नरक चतुर्दशी कब-कब है?
2023 में नरक चतुर्दशी कब है? | रविवार, नवम्बर 12, 2023 को |
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2024 में नरक चतुर्दशी कब है? | गुरुवार, अक्टूबर 31, 2024 को |
2025 में नरक चतुर्दशी कब है? | सोमवार, अक्टूबर 20, 2025 को |
2026 में नरक चतुर्दशी कब है? | रविवार, नवम्बर 8, 2026 को |
2027 में नरक चतुर्दशी कब है? | गुरुवार, अक्टूबर 28, 2027 को |
2028 में नरक चतुर्दशी कब है? | मंगलवार, अक्टूबर 17, 2028 को |
2029 में नरक चतुर्दशी कब है? | सोमवार, नवम्बर 5, 2029 को |
2030 में नरक चतुर्दशी कब है? | शनिवार, अक्टूबर 26, 2030 को |