महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर सोलन के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। यह मंदिर अपनी प्राचीन गुफा के लिए प्रसिद्ध है, जहां मान्यता के अनुसार भगवान शिव आज भी निवास करते हैं। इस रहस्यमयी गुफा का प्रवेश द्वार बेहद संकरा है, जिसमें श्रद्धालुओं को लेटकर प्रवेश करना पड़ता है। लेकिन अंदर पहुंचते ही गुफा का स्वरूप जिसमें प्रवेश करने से पहले यह लगे कि आगे कोई रास्ता ही नहीं, लेकिन जैसे-जैसे आगे बढ़ें, वह किसी अद्भुत भूलभुलैया की तरह खुलती चली जाए? महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर सोलन का गोरखनाथ मंदिर रहस्यमयी गुफा के कारण चर्चा में है, जहाँ मान्यता के अनुसार भगवान शिव आज भी निवास करते हैं! यहाँ आने वाले श्रद्धालु पहले तो संकरी गुफा के छोटे-से द्वार को देखकर चौंक जाते हैं। प्रवेश करने के लिए उन्हें लेटकर, धीरे-धीरे रेंगते हुए आगे बढ़ना पड़ता है। जैसे ही कोई कुछ मीटर अंदर जाता है, गुफा का स्वरूप अचानक बदलने लगता है—संकरा रास्ता एक विशाल गुफा में तब्दील हो जाता है, जहाँ शिवलिंग स्थापित है और नागदेवता का रहस्यमयी आभास होता है!लेकिन यहाँ सबसे दिलचस्प बात यह है कि यह गुफा सिर्फ एक सीधा रास्ता नहीं है, बल्कि एक भूलभुलैया है! कई श्रद्धालु यहाँ आते तो हैं, लेकिन अंदर घुसते ही चौंक जाते हैं—ऐसा लगता है कि आगे कोई रास्ता ही नहीं। कुछ क्षणों के लिए ऐसा भ्रम होता है मानो गुफा समाप्त हो गई हो, लेकिन फिर गाइड सही दिशा दिखाते हैं और अंदर छिपे एक भव्य मंदिर के दर्शन कराते हैं! गुफा के भीतर गहराई में जाने पर एक अजीब-सी दिव्य शांति महसूस होती है। दीवारों से टपकते जलकण, शिव की तपस्या का आभास कराते चमत्कारी पत्थर और गुफा के अंधेरे में सुनाई देने वाले ओम नमः शिवाय” के मंत्र—यह पूरा दृश्य किसी रोमांचक रहस्य से कम नहीं लगता।महंत अमृत गिरी का कहना है कि जो इस गुफा में श्रद्धा से प्रवेश करता है, उसे अद्भुत दिव्य अनुभूति होती है। उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि के अवसर पर इस मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया है, और भक्त यहाँ आकर शिव की महिमा का अनुभव कर रहे हैं। आखिर क्या इस गुफा का रहस्य सुलझ पाया है? या फिर यह हमेशा की तरह भक्तों को अपनी गहराई में समेटकर, एक नया अनुभव देने को तैयार है? अगर आप भी इस रहस्य को जानना चाहते हैं, तो इस महाशिवरात्रि पर गोरखनाथ गुफा के दर्शन अवश्य करेंविशाल और अद्भुत हो जाता है, जहां ऐसा प्रतीत होता है कि भगवान शिव तपस्या में लीन हैं और नागदेवता उनके साथ विराजमान हैं। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर इस गुफा रूपी मंदिर को विशेष रूप से सजाया गया है। आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं और भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद ले रहे हैं।मंदिर के महंत अमृत गिरी ने बताया कि इस गुफा में जो जिस दृष्टि से आता है, उसे वैसी ही सृष्टि नजर आती है। उन्होंने कहा कि भगवान शिव के विवाह के इस पावन अवसर पर “ॐ नमः शिवाय” का जाप करने से भक्तों को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही, उन्होंने सूर्य देव, माता-पिता, गुरु और अतिथि के सम्मान का महत्व भी बताया।byte मंदिर के महंत अमृत गिरी