खाद्य वस्तुओं की निर्माण पैकिंग पर नगर निगम की पैनी नजर

आज के समय में लोगों के बीच में स्ट्रीट फूड का क्रेज बढ़ता जा रहा है। ऐसे में जनता को साफ स्वच्छ आहार मिले इसके लिए सरकार प्रशासन के साथ ही नगर निगम मंडी ने भी कमर कस ली है। शहर में कहां क्या बना कैसे बेचा जा रहा है इस पर भी निगम के अधिकारियों की पैनी नजर है। जनता को साफ-सुथरा स्ट्रीट फूड मिले इसी उद्देश्य से मंडी नगर निगम के खाद्य सुरक्षा विभाग के द्वारा शहर के वेंडर्स को जागरूक किया गया। मंडी के टाउन हॉल में संपन्न हुई इस ट्रेनिंग में शहर के लगभग 80 स्ट्रीट फूड वेंडरों ने भाग लिया।

इस दौरान शहर के रेहड़ी व खाद्य वस्तुओं के ठेले आदि लगाने वालों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के बारे में भी जानकारी दी गई। इसी के साथ पंजीकरण से संबंधित जानकारी भी सभी को मुहैया करवाई गई। कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए नगर निगम मंडी की सह आयुक्त खाद्य सुरक्षा डॉक्टर विजया ने बताया कि वेंडरों को खाद्य सुरक्षा के तहत किस प्रकार का रॉ- मटेरियल खरीदना है, किस प्रकार से स्वच्छता के साथ प्रोसेस करना है इस बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

उन्होंने बताया कि आने वाले समय में जागरूकता का कार्यक्रम मंडी शहर के रीटेलर व होल सेलरों के साथ भी किया जाएगा। डॉक्टर विजया ने बताया कि यदि कोई खाद्य वस्तू बनाने वाला विक्रेता अपना पंजीकरण नहीं करवाता है तो उसे कानून के तहत 6 माह की कैद व 5 लाख रुपए तक का जुर्माना भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जनता की सेहत से खिलवाड़ करने वालों को आने वाले समय में बिल्कुल भी बक्शा नहीं जाएगा।

वहीं इस दौरान डॉक्टर विजया ने बताया कि कई विक्रेता अखबार या किसी अन्य प्रकार के स्याही लगे कागज में लोगों को खाने की वस्तुएं दे रहे हैं जोकि सही नहीं है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के खान-पान से आजकल कैंसर जैसी बीमारियों में इजाफा हो रहा है।

उन्होंने बताया कि इस बारे में विक्रेताओं को फिर से जागरूक किया जाएगा और यदि फिर भी कोई इस प्रकार से खाने की चीजों को स्याही लगे कागज में देता हुआ पाया गया तो फिर उनके खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने बताया कि विभाग में आने वाले समय में ऐसे मामलों में औचक निरीक्षण के साथ ही छापेमारी भी करेगा।