“माता भैरवा” त्रैवार्षिक होम मेले में गुर के माध्यम से मां ने दिया सुख शांति व समृद्धि का आशीर्वाद

पंडोह स्थित माता भैरवा (Mata Bhairava) का त्रैवार्षिक होम मेला बड़े ही उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस मेले में जहां माता की हार के सभी लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। वहीं, माता के गुर ने खेलते हुए सर्व सुख शांति व संपन्नता का आशीर्वाद भी दिया।

बता दें कि पंडोह (Pandoh) स्थित माता भैरवा मंदिर परिसर में हर तीन वर्ष बाद मेले का आयोजन किया जाता है, जिसे स्थानीय बोली में होम कहते हैं। इस मेले में मंदिर के अधीन आने वाले क्षेत्र के सभी लोग आकर अपनी हाजरी भरते हैं। मंदिर के अधीन आने वाले क्षेत्र को हार कहते हैं। मेले में गाजे-बाजे पर नाचते-गाते माता के जयकारों के साथ तीन शोभा यात्राएं निकाली गई। माता की करंडी के समक्ष गुर खूब नाचे, जिन्हें देखकर लोग भी खूब झूमते हुए नजर आए।

माता की करंडी को पूरे रिति-रिवाजों के साथ भंडार से होम स्थल पर पहुंचाया गया। माता के पुजारी नरेंद्र शर्मा ने सभी विधि-विधानों के साथ मेले की रस्मों को पूरा किया। सबसे पहले जरल स्थित मंदिर में माता की पूजा की गई और दूसरी पूजा नाहर सिंह देवता की गई। तीसरी पूजा और सर्व शांति आशीर्वाद होम स्थल पीपल के पास किया गया। यहां माता के चार गुर जमकर नाचे और माता के गणों को खुश किया। यह नज़ारा अद्भुत था और इसे वहां मौजूद सभी लोगों ने देखा।

निकाली गई शोभा यात्रा

इस मेले में सदियों से पराशर ऋषि के गुर ही सभी कारज निभाते रहे हैं। पहली बार पंडोह निवासी नागेंद्र शर्मा युवा गुर बने हैं, जिनकी अगुवाई में होम मेले को विधि विधान के साथ सम्पन्न किया गया। यह होम इष्ट देवता मां भैरवा के प्रति अनूठे विश्वास का परिचायक है। भैरवा मंदिर कमेटी के प्रधान नरेश शर्मा, स्थानीय निवासी मनोहर शर्मा और विजय शर्मा ने होम मेले की सफलता पर समस्त लोगों के प्रति आभार व धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि माता दस महाविद्याओं में 6वें स्थान की शक्ति है।

माता को महिषासुर मर्दिनी के रूप में भी जाना जाता है। मां भैरवा शक्ति का रुप है। मेले को लेकर चली आ रही सभी प्राचीन परंपराओं का उसी प्रकार से निर्वहन किया जा रहा है। इस दौरान विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया, जिसके माध्यम से माता के भक्तों को प्रसाद बांटा गया।